चकाचौंध की दुनिया में कई बार कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता का स्वाद सबको नसीब नहीं होता। ऐसे में कलाकार या तो दूसरा प्रोफेशन अपना लेते हैं या फिर मजहब की ओर मुड़ जाते हैं। लंबे समय से इंडस्ट्री से दूर रहने के बाद पाकिस्तान के एक गायक द्वारा गायन की दुनिया को छोड़ मजहबी काम करने की घोषणा के बाद अब भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से भी ऐसी ही एक खबर आई है। इसके पहले जायरा वसीम और सना खान जैसी बॉलीवुड अभिनेत्रियाँ भी इंडस्ट्री को अलविदा कह चुकी हैं।
भोजपुरी फिल्मों की अभिनेत्री सहर अफशा (Sahar Afsha) ने इंडस्ट्री छोड़ दी है। सहर ने सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी और कहा कि फिल्म इंडस्ट्री से अब उनका कोई ताल्लुक नहीं है और वे अब ‘अल्लाह की राह में इबादत’ करेंगी।
अपने इंस्टाग्राम में उन्होंने लिखा, “मैं अगली जिंदगी इस्लामी तालीमात (इस्लामी शिक्षा) और अल्लाह के अल्हम के मुताबिक गुजारने का इरादा रखती हूँ। मैं अपनी गुजिश्ता जिंदगी से तौबा करती हूँ। अल्लाह से तौबा करती हूँ। अल्लाह से माफी की तलबगार हूँ।”
सहर अफशा ने आगे लिखा, “मैं इत्तेफाक से इस इंडस्ट्री में आ गई थी, पर अब सब खत्म करने का इरादा कर लिया है। अगली जिंदगी इंशाअल्लाह अल्लाह के हुकुम के मुताबिक बिताने का इरादा है।” सहर ने अपने लिए लोगों से दुआ करने की भी गुजारिश की।
सहर के पोस्ट पर सना खान ने खुशी जताई है। बता दें कि भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार पवन सिंह (Superstar Pawan Singh) समेत खेसारीलाल यादव (Khesarlal Yadav) एवं अन्य कलाकारों के साथ काम कर चुकी हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 2.60 लाख फॉलोवर हैं।
उधर, 6 अक्टूबर को पाकिस्तानी गायक अब्दुल्ला कुरैशी (Abdullah Qureshi) ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट डालकर कहा कि उन्होंने इस्लाम के लिए संगीत की दुनिया को अलविदा कह दिया है। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि वह अब से केवल वही काम करेंगे जो उनके मजहबी मूल्यों के अनुरूप हो।
अब्दुल्ला कुरैशी ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, “मुझे पता है कि मैं लंबे समय से खोया हुआ हूँ। लोग यह जानने के लिए मुझे लगातार मैसेज कर रहे हैं कि मैं कहाँ हूँ। मैं ब्रेक पर था, थोड़ी देर के लिए पॉज़ बटन दबाया और यह जानने की कोशिश कर रहा था कि मैं क्या था, मैं कहाँ जा रहा हूँ और मैं क्या बनना चाहता हूँ।”
उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में यह भी लिखा, “अल्हम्दुलिल्लाह, मैं अपने इस फैसले से संतुष्ट हूँ और अब वास्तविक सच्चाई की तलाश में हूँ। मैं दुआ करता हूँ कि अल्लाह मेरे लिए इस नई यात्रा को आसान बना दे।” उन्होंने यह भी कहा कि अब वह केवल उन कार्यक्रमों का हिस्सा होंगे जिनमें ‘मजहब’ को बढ़ावा दिया जा रहा होगा।