पाकिस्तान में बहुसंख्यक मुस्लिमों द्वारा प्रताड़ित हिन्दुओं का एक और जत्था राजस्थान के जोधपुर में पहुँचा है। इस जत्थे में लगभग 100 हिन्दू शामिल हैं। इन सभी ने पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ भेदभाव होने का आरोप लगाया है और भारत में ही बसने की इच्छा जताई है।
हिन्दुओं के जत्थे में शामिल लोगों ने पाकिस्तान छोड़ने के अलावा अपने पास कोई भी विकल्प न होना बताया। फिलहाल सरकारी अधिकारी जत्थे में शामिल लोगों के कागज़ातों की जाँच करने की जानकारी दे रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 100 लोगों का यह समूह 2 भागों में पाकिस्तान से आया। पहला हिस्सा 12 अक्टूबर और दूसरा 14 अक्टूबर को भारत पहुँचा। ये सभी पहले हरिद्वार दर्शन करने के लिए गए। उसके बाद वहाँ से ये जोधपुर आ गए।
पीड़ित हिन्दुओं के मुताबिक पाकिस्तान में बाढ़ आने के बाद उनका जीवन और भी ज्यादा दयनीय हो चुका था। उन सभी के मुताबिक पाकिस्तान सरकार राहत और बचाव कार्यों में भी मुस्लिमों को प्राथमिकता देते हुए हिन्दुओं को अनदेखा कर रही है।
पाकिस्तानी हिन्दुओं के जत्थे में शामिल विष्णु के अनुसार बाढ़ आने के बाद वहाँ के हिन्दुओं के पास खाने के भी लाले पड़ गए। उन्होंने बताया कि अब न उनके पास खेती बची और न ही करने के लिए कोई नौकरी। विष्णु के मुताबिक अब पाकिस्तान को छोड़ देना ही उन लोगों के लिए अंतिम विकल्प के तौर पर बचा था।
बताया जा रहा है कि 100 हिन्दुओं के इस जत्थे में औरतों और बच्चों के साथ कई वृद्ध लोग भी शामिल हैं। ये सभी जोधपुर में पहले से शरणार्थी के तौर पर रह रहे अपने एक रिश्तेदार के यहाँ रुके हुए हैं।
जत्थे में शामिल सभी लोगों ने वाघा-अटारी के बॉर्डर के रास्ते में भारत में इंट्री की थी। ये सभी धार्मिक वीजा पर भारत आए हैं, जिन्होंने यहाँ तीर्थ यात्रा के लिए पाकिस्तान से अनुमित माँगी थी। हिन्दुओं के इस बड़े समूह के आने की जानकारी होते ही राजस्थान का प्रशासन अलर्ट हो गया है।
पुलिस अधीक्षक CID रामेश्वर लाल मेघवाल के मुताबिक यदि पाकिस्तान से आए लोग वापस नहीं जाना चाह रहे हैं तो उन्हें भारत में रहने की औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। इसी के साथ उन्होंने बताया कि इस मामले में प्रशासन नियमानुसार आगे की कार्रवाई करेगा। जत्थे में शामिल लोगों के कागजातों की जाँच भी की जा रही है।