प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मनी लॉंड्रिग क़ानून के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए कारोबारी मेहुल चोकसी के गीतांजलि समूह की थाईलैंड स्थित कंपनी एबीक्रेस्ट लिमिटेड को ज़ब्त कर लिया गया है। जानकारी के मुताबिक इस कंपनी की कुल क़ीमत 13.14 करोड़ रुपये है। इस प्रकार अब तक की गई कार्रवाईयों के तहत प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पीएनबी घोटाले से संबंधित लगभग 4,765 करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त की जा चुकी है।
ईडी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मेहुल चोकसी की थाईलैंड स्थित एबीक्रेस्ट लिमिटेड कंपनी को ज़ब्त करने के लिए अंतरिम आदेश जारी कर दिया गया है। जाँच एजेंसी से पता चला है कि हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी ने पीएनबी द्वारा अनाधिकृत तरीक़े से जारी 92.3 करोड़ रुपये के एलओयू से इस कंपनी को भी लाभ पहुंचाया था। इसका पुख़्ता सुबूत जुटाने के बाद कि यह कंपनी गीतांजलि समूह की ही है, इसे ज़ब्त करने का फ़ैसला लिया गया। मनी लांड्रिंग क़ानून के तहत प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की जांच कर रहा है। अधिकारियों ने कहा कि विदेश स्थित संपत्ति ज़ब्त करने को कानूनी मान्यता देने के लिए जल्द ही न्यायिक अनुरोध पत्र जारी कर दिया जाएगा।
ईडी ने अपनी जांच में इस बात का भी उल्लेख किया कि हीरा व्यापारी चोकसी अपनी हॉन्ग-कॉन्ग स्थित कंपनी के माध्यम से चीन से नक़ली हीरे ख़रीदकर उन्हें भारत भेजता था। उन हीरों को भारत में भेजने से पहले अपनी थाईलैंड स्थित कंपनी के कारखाने में तैयार करवाता था। फिर उनके असली होने का दावा किया जाता था, और बड़ी क़ीमत पर बेचा जाता था।
चोकसी ने अपनी भारतीय कंपनियों – ‘गीतांजलि जेम्स’, ‘गिल इंडिया’ और ‘नक्षत्र’ के बढ़े हुए आयात संबंधी दस्तावेज़ प्रस्तुत करके पीएनबी बैंक को धोखा दिया। चोकसी द्वारा बैंक से कई बार एलओयू राशि को बढ़ाने की मांग भी की गई और दावा किया गया कि उनके विदेशी निर्यातकों से अच्छे संबंध है जिसके तहत यह दर्शाया गया कि विदेशी निर्यातकों से संबंधित एलओयू राशि के माध्यम से बैंक की बक़ाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।
पिछले साल, ईडी ने हैदराबाद स्थित चोकसी की ज्वैलरी प्रोसेसिंग यूनिट से अधिकतर रंगीन स्टोन्स और मोतियों की क़ीमत संबंधी बिल बुक ज़ब्त की थी जिसके अनुसार उनकी क़ीमत 3,800 करोड़ रुपये के लगभग थी, लेकिन जांच एजेंसी ने पाया कि उसकी क़ीमत केवल 100 करोड़ रुपये से अधिक नहीं थी।
आपको बताते चलें कि मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और अन्य के ख़िलाफ़ 14,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले में विभिन्न आपराधिक क़ानूनों के तहत जांच की जा रही है। ईडी और सीबीआई द्वारा यह मामला दर्ज करने के बाद से ही मेहुल चोकसी और नीरव मोदी देश से फ़रार हैं।