अंडमान और निकोबार के पूर्व चीफ सेक्रेटरी जितेंद्र नारायण के खिलाफ एक युवती ने इसी माह यौन शोषण का आरोप लगाया। पीड़िता ने इसी मामले में वहाँ के लेबर कमिश्नर आरएल ऋषि को भी नामजद किया था। इस मामले की जाँच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 16 अक्टूबर 2022 को SIT का गठन किया था। अब SIT ने अपनी जाँच में ‘जॉब के बदले सेक्स’ की तरफ इशारा किया है।
इंडिया एक्सप्रेस के मुताबिक जाँच दल को जानकारी मिली है कि केस में आरोपित पूर्व प्रमुख सचिव जितेंद्र नारायण के घर पर लगभग 20 अलग-अलग लड़कियों को ले जाया गया था। कहा जा रहा है कि इसमें कुछ लड़कियों को नौकरी भी मिली थी। पूर्व चीफ सेक्रेटरी का यह आवास पोर्ट ब्लेयर में स्थित है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में SIT द्वारा दर्ज गवाहों के बयान भी इसी तरफ इशारा करते हैं। इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि गवाहों के मुताबिक उन्हें लड़कियों को रिसीव करने और छोड़ने के आदेशों के साथ बीच में रेस्टोरेंट से खाना भी लाने के निर्देश प्रमुख सचिव के बंगले से मिले थे।
आरोपों की पुष्टि के लिए यह बताया जा रहा है कि पीड़िता ने अपनी शिकायत में 2 अलग-अलग तारीखों का भी उल्लेख किया है। पीड़िता का दावा है कि उन 2 तारीख़ों को उसे चीफ सेक्रेटरी के आवास पर बुलाया गया था। हालाँकि रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि प्रमुख्य सचिव के घर में लगे CCTV कैमरे की रिकॉर्डिंग को डिलीट कर दिया गया है। कहा ये भी जा रहा है कि IAS अधिकारी के दिल्ली ट्रांसफर होने के दौरान आवास पर लगे DVR को भी हटा दिया गया है।
अंडमान और निकोबार के पूर्व चीफ सेक्रेटरी जितेंद्र नारायण यह दावा कर रहे हैं कि पीड़ित महिला द्वारा FIR में बताई गई तारीखों पर वो पोर्ट ब्लेयर के बजाए दिल्ली में थे। अपने दावों के समर्थन में पूर्व प्रमुख सचिव हवाई जहाज के टिकटों और दिल्ली में पहले से एपॉइंटमेंट होने की जानकारी दे रहे।
पूर्व प्रमुख सचिव जितेंद्र नारायण 14 नवम्बर तक अंतरिम जमानत पर हैं। उनके खिलाफ पोर्ट ब्लेयर से गैर जमानती वारंट भी जारी है। बताया जा रहा है कि पीड़िता प्रमुख सचिव की अंतरिम जमानत ख़ारिज करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।
जितेंद्र नारायण AGMUT कैडर के 1990 बैच के IAS ऑफिसर हैं। 21 वर्षीया पीड़िता द्वारा उन पर रेप के आरोपों के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। माना जा रहा है कि आने वाले 28 अक्टूबर को उनकी SIT के आगे पेशी हो सकती है। हालाँकि IAS जितेंद्र नारायण ने खुद पर लगे आरोपों को गलत बताया है। महिला की शिकायत को उन्होंने अपने खिलाफ साजिश बताते हुए मामले को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती भी दी है।