पंजाब के अमृतसर में शिवसेना हिंदुस्तान के नेता सुधीर सूरी की हत्या के विरोध में हिंदू संगठनों ने शनिवार (5 नवंबर 2022) को पंजाब बंद का आह्वान किया था। इस दौरान हिंदू संगठन के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए आईएसआई की भूमिका को संदिग्ध बताया है। साथ ही, उचित सुरक्षा व्यवस्था प्रदान न करने के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
पंजाब बंद के दौरान शिवसेना हिंदुस्तान समेत अन्य हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन करते हुए सुधीर सूरी की हत्या में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका पर बात की। उन्होंने ये मुद्दा खालिस्तानी आतंकी गोपाल सिंह चावला की वीडियो सामने आने के बीच उठाया। गोपाल आईएसआई का करीबी है। उसने वीडियो में कहा है, “पूरे सिख समुदाय, मुस्लिम समुदाय और स्वतंत्रता तथा शांति चाहने वाले हर व्यक्ति को बधाई। अमृतसर में एक युवक ने सुधीर सूरी पर गोलियाँ चलाईं, अभी कुछ और भी लोग हैं, उन्हें भी जाना होगा।”
इसके अलावा, हिंदू संगठनों ने यह भी कहा है कि सुधीर सूरी की हत्या की साजिश रचे जाने की जानकारी पुलिस और पंजाब की भगवंत मान सरकार को थी। इसके बावजूजद भी उनकी सुरक्षा व्यवस्था में चूंक हुई और सरकार की तरफ से उन्हें उचित सुरक्षा प्रदान नहीं की गई थी। हिंदू संगठन के नेताओं ने यह भी कहा है कि यदि आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा उन्हें बुलेटप्रूफ जैकेट उपलब्ध कराई जाती तो यह दुर्घटना नहीं होती। सुधीर सूरी के पुत्र समेत अन्य नेता सुधीर सूरी को शहीद घोषित करने की माँग कर रहे हैं।
भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने शिवसेना नेता के पोस्ट शेयर कर अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है “स्वर्गीय सुधीर सूरी जी के करीबियों ने 4 दिन पहले ही उनकी हत्या की आशंका जताई थी लेकिन अरविंद केजरीवाल और राघव चड्ढा के खालिस्तानी प्रेम ने एक और हिंदू नेता को मरवा दिया। चुनाव में खालिस्तानी आतंकवादी के घर सोकर केजरीवाल ने अपना खालिस्तानी प्रेम जगजाहिर कर दिया था।”
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदूवादी नेता सुधीर सूरी की हत्या के बाद से अमृतसर में तनाव का माहौल बना हुआ है। शुक्रवार (4 नवंबर 2022) शाम से ही घटना स्थल के आस-पास की दुकानें बंद कर दी गईं थीं। इसके अलावा, कुछ हिंसक घटनाएँ, दुकानों और पास खड़ी कारों में तोड़फोड़ की खबरें भी सामने आईं हैं। हिंदू संगठनों ने बंद का आह्वान किया था इसलिए अमृतसर के कई स्कूलों ने सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से छात्रों को स्कूल बंद होने की जानकारी भेजी थी। जिसके बाद, शहर के अधिकांश स्कूल बंद नजर आए।