कर्नाटक की भाजपा सरकार ने गौ वंश संरक्षण के लिए ‘पुण्यकोटि दत्तू योजना’ शुरू की है। योजना के तहत बेसहारा गायों को संरक्षण प्रदान किया जाएगा। योजना के सफल संचालन और वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए राज्य के सरकारी कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटा जाएगा।
राज्य के वित्त विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य कर्मचारियों के नवंबर महीने की सैलरी में से एक दिन का वेतन इस योजना के लिए काटा जाएगा। हालाँकि यह स्वैच्छिक है। जो कर्मचारी योगदान नहीं देना चाहते, उन्हें अपने विभाग प्रमुख को 25 नवंबर से पहले लिखित में बताना होगा। इसके जरिए 80 से 100 करोड़ रुपए योजना के लिए जमा होने का अनुमान है।
रैंक के अनुसार कटेगा वेतन
वित्त विभाग के आदेश के अनुसार ग्रुप ए के कर्मचारियों के वेतन से लगभग 11,000 रुपए, ग्रुप बी के कर्मचारियों से 4,000 रुपए और ग्रुप सी के कर्मचारियों से लगभग 400 रुपए कटेंगे। वहीं ग्रुप डी के कर्मचारियों को इस कटौती से छूट दी गई है।
स्वैच्छिक है योगदान
राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए यह योगदान स्वैच्छिक रखा गया है। वेतन से काटी जाने वाली एक दिन की राशि सीधे कर्नाटक पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा विभाग के खाते में जमा होंगे। जो कर्मचारी यह योगदान नहीं देना चाहते हैं, उन्हें अपने विभाग प्रमुख को 25 नवंबर से पहले लिखित में जानकारी देनी होगी। पिछले महीने कर्नाटक के सरकारी कमचारी संघ के अध्यक्ष सीएस सदाक्षरी ने सीएम बोम्मई से मुलाकात कर संघ की ओर से कर्मचारियों के वेतन कटौती का सहमति पत्र सौंपा था। उन्होंने कहा था कि इस नेक काम में योगदान देने से हमें खुशी होगी।
मवेशियों के कल्याण और रखरखाव का होगा प्रबंध
जमा किए गए इस राशि से राज्य की सरकारी गौशालाओं में मवेशियों के कल्याण और रखरखाव के लिए प्रबंध किए जाएँगे। ‘पुण्यकोटि दत्तू योजना’ को बसवराज बोम्मई सरकार ने पिछले बजट पेश किया था। इसमें गायों को गोद लेने और उनके पालन-पोषण के लिए प्रोत्साहित करने के उपाय शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने स्वयं अब तक 100 गायों को गोद लेने का दावा किया है। राज्य सरकार की मानें तो कर्नाटक सरकार की पुण्यकोटि दत्तू योजना के तहत गोद लेने के लिए विभिन्न गोशालाओं में एक लाख से अधिक गायें हैं। वहीं प्रत्येक जिले में नई गोशाला स्थापित की जा रही हैं, जिसके लिए 50 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। बड़े पैमाने पर गौवंश संरक्षण के लिए लोगों की भागीदारी की आवश्यकता है और इसके लिए एक वेबसाइट भी बनाई गई है। इस योजना के तहत एक वर्ष के लिए गाय को गोद लेने के लिए ₹11,000 निर्धारित किया गया है।