बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा को भ्रष्टाचार के मामले में सस्पेंड कर दिया गया है। उन पर बनी वेब सीरिज ‘खाकी- द बिहार चैप्टर’ हाल में चर्चा में रही है। नेटफ्लिक्स पर प्रसारित इसी सीरिज को लेकर ही वे विवादों में भी आए हैं।
लोढ़ा के खिलाफ विशेष निगरानी इकाई (special vigilance unit) ने जाँच के बाद भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया है। लोढ़ा ने ‘बिहार डायरीज’ नाम से एक किताब भी लिखी है। इसी पर आधारित वेब सीरीज 25 नवंबर 2022 को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी। Netflix और फ्राइडे स्टोरी टेलर ने मिलकर यह सीरीज बनाई है।
Bihar IPS officer Amit Lodha, who inspired ‘Khakee’, charged with corruption; suspended
— ANI Digital (@ani_digital) December 9, 2022
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रिपोर्ट्स के अनुसार लोढ़ा पर लोकसेवा अधिनियम के उल्लंघन का आरोप है। उन्होंने किताब लेखन और वेब सीरीज निर्माण को लेकर पुलिस मुख्यालय या राज्य सरकार से अनुमति नहीं ली थी। इसके अलावा वेब सीरीज के फाइनेंस और शूटिंग से जुड़े मुद्दे को लेकर भी वह कठघरे में हैं। वेब सीरीज निर्माण में लगने वाली राशि का इंतजाम करने में उनकी भूमिका की बात कही जा रही है।
विशेष निगरानी इकाई के अनुसार लोढ़ा ने नेटफ्लिक्स तथा फ्राइडे स्टोरी टेलर के साथ व्यावसायिक करार किया था। आरोप लगने के बाद मामले की जाँच हुई और रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंपी गई। इसी रिपोर्ट और सरकार के निर्देश के तहत निगरानी इकाई ने लोढ़ा और उनके सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। प्राथमिकी में पीसी एक्ट और आइपीसी की धाराएँ लगाई गई हैं। इस मामले की जाँच पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी करेंगे।
अमित लोढ़ा साल 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने बिहार पोस्टिंग के बाद अपराधियों का ताबड़तोड़ सफाया किया। अमित लोढ़ा पहली बार तब चर्चा में आए, जब उन्होंने शेखपुरा के ‘गब्बर सिंह’ कहे जाने वाले अशोक महतो और उसके साथी पिंटू महतो को सलाखों के पीछे पहुँचाया था। अमित लोढ़ा को राष्ट्रपति पुलिस पदक, पुलिस पदक और आंतरिक सुरक्षा पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है।