उत्तर प्रदेश के मैनपुरी उपचुनाव में गुरुवार (8 दिसंबर 2022) को समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने बीजेपी के रघुराज शाक्य को हराकर जीत दर्ज की। डिपंल के चुनाव जीतते ही उनकी पार्टी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए। समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल पर भाजपा और उनके नेताओं के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्हें और उनके परिवार वालों को गालियाँ दी जा रही हैं।
एक ट्वीट में प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी को टैग करते हुए समाजवादी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा गया, “जल्द ही तुम्हारी भी दलाली बंद होगी। तुम अपने लिए दिल्ली की GB रोड और कोलकाता के सोनागाछी में अपना नया ठिकाना ढूँढो। वहीं तुम्हें राम रहीम की गुफा व चिन्मयानंद से उत्पन्न अपने अन्य परिजन भी मिलेंगे।”
सपा द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर राकेश त्रिपाठी ने ट्वीट किया, “यह पहली बार नहीं बल्कि लगातार किया जा रहा है। ये सब अखिलेश यादव की अनुमति-सहमति और निर्देश पर हो रहा है। मेरे बुजुर्ग माता-पिता और पत्नी (जिनका राजनीति से कोई प्रत्यक्ष सरोकार नहीं है), को लेकर लगातार बेहद घटिया और आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया जा रहा है।”
इसके बाद भी समाजवादी पार्टी ने गालियाँ देना बंद नहीं किया। उन्होंने बीजेपी नेता के ट्वीट को टैग करते हुए लिखा, “सुनो, नैनमटक्के राकेश त्रिपाठी तुम्हें और तुम जैसे घटिया भाजपाइयों को अभी तक सिर्फ बैंकॉक, GB रोड और सोनागाछी व राम रहीम की गुफा की सैर कराई है। आगे से अनर्गल टिप्पणी करोगे तो तुम्हें पूरे विश्व की सैर कराएँगे। आज से फिर से गिनती शुरू। अगली बार फिर सपरिवार माकूल जवाब मिलेगा।”
यही नहीं उन्होंने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट का भी मजाक उड़ाया। डिप्टी सीएम ने ट्वीट कर गुरुवार को मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में डिंपल यादव को जीत की बधाई दी और भाजपा कार्यकर्ताओं का विपरीत परिस्थितियों में भी संघर्ष के लिए अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि जनता जनार्दन का फैसला ही लोकतंत्र में अंतिम फैसला, सम्मान के साथ स्वीकार है। इसको लेकर सपा के मीडिया सेल ने लिखा, “निराश और हताश मत हो केशव प्रसाद मौर्य अभी तुम्हें और जलील होना है।”
मैनपुरी उपचुनाव की जीत इस कदर सपा के मीडिया सेल पर हावी हुई कि उन्होंने एक के बाद एक बीजेपी नेता के बारे में विवादित टिप्पणी की। मनीष शुक्ला को टैग करते हुए उन्होंने लिखा, “सुन मनीष शुक्ला ये ज्ञान अपने उन आकाओं को देना, जो पिछले 10 वर्ष से भाषाई मर्यादा भूलकर सत्तामद में विपक्ष पर अनर्गल टिप्पणियाँ कर रहे हैं। जिस दिन सत्ता परिवर्तन हुआ उस दिन जनता तुम भाजपाइयों को जूतों से पीटेगी। भाजपा का नामलेवा कोई नहीं रहेगा। अहंकार का हश्र आज सामने है।”
इसके बाद जब प्रदेश प्रवक्ता ने उन्हें जवाब दिया, “अधजल गगरी छलकत जाए यही हाल है अखिलेश यादव और उनकी मीडिया सेल का। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर इस तरह का बयान ओछी मानसिकता की प्रतीक है।” फिर सड़क छाप भाषा का प्रयोग करते हुए सपा के मीडिया सेल ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “सुन रे श्रीकांत शर्मा के पूर्व दलाल और चप्पल चट्टे। जनता ने आज अपना जनमत देकर तुम भाजपाइयों और बिकाऊ दलाल पत्तलकारों को अपना तमाचा नहीं बल्कि जोरदार ‘चट्ठा’ मारा है। तमाचे से ज्यादा करारा ‘चट्ठा’ होता है, जो अक्सर तुम बचपने में गली मुहल्ले में खाए होंगे।”
अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने वाली पार्टी के ट्वीट को सैकड़ों लोग रिट्वीट कर चुके हैं। सोशल मीडिया पर कई लोगों के विरोध जताने के बाद भी अखिलेश यादव की पार्टी के मीडिया सेल अकॉउंट से लगातार गाली गलौच और अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया जा रहा है। पत्रकार अखिलेश तिवारी ने अपने ट्वीट में लिखा कि अखिलेश यादव जी… अपनी पार्टी के मीडिया सेल की भाषा देखिए… सभ्य समाज में इस तरह की भाषा ठीक नहीं होती है।
अखिलेश यादव जी… अपनी पार्टी के मीडिया सेल की भाषा देखिए… सभ्य समाज में इस तरह की भाषा ठीक नही होती है… @yadavakhilesh @samajwadiparty pic.twitter.com/lbEjwJUMD0
— Akhilesh Tiwari (abp news) अखिलेश तिवारी (@Akhilesh_tiwa) December 8, 2022
तमाम शिकायतों के बाद भी अखिलेश यादव की पार्टी का मीडिया सेल नहीं रुका। जब भाजपा और उनके नेताओं को गाली देने से मन नहीं भरा, तो उन्होंने पत्रकार के खिलाफ भी जहर उगलना शुरू कर दिया। टाईम्स नाउ के पत्रकार सुशांत सिन्हा को टैग करते हुए समाजवादी पार्टी के ट्विटर अकाउंट पर लिखा गया, “भाजपा दफ्तर की जूठन पर जीवन यापन करने वाले दलाल। इससे बेहतर तो ये होगा कि भाजपा दफ्तर और अपने स्टूडियो की दूरी को कम करो। उसका एक रास्ता यह है कि भाजपा दफ्तर के बाहर किसी खूंटे पर जाकर अपने गले का पट्टा डाल दो, बाकी पत्तलकारों का हिस्सा भी तुम्हें मिल जाएगा।”
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर डिंपल यादव की कई ऐसी वीडियोज सामने आई हैं, जिनमें मुलायम सिंह यादव के नाम डिंपल यादव के लिए वोट माँगा गया था और वह केवल हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन कर रही थीं। यही वजह है कि इस जीत को मैनपुरी की जनता और सपा द्वारा मुलायम सिंह यादव की जीत कहा जा रहा है।