Tuesday, November 5, 2024
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रेलवे में होती है लाइन, उसी की जमीन कब्जा कर गलियों के नाम भी रखे ‘लाइन’: हल्द्वानी से एक्सक्लुसिव रिपोर्ट

हल्द्वानी का वनभूलपुरा वो इलाका है, जहाँ गलियों के नाम 'लाइन' नंबर के तौर पर लिए जाते हैं। लाइन शब्द अमूमन रेलवे प्रयोग करता है। वनभूलपुरा में जहाँ तक अतिक्रमण का क्षेत्र गिना गया है, उसे लाइन नंबर 17 कहा जाता है। इन लाइन नम्बरों में बाकायदा झुग्गियाँ और पक्के मकान बनवा लिए गए हैं।

उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे जमीन से अतिक्रमण हटाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज (5 जनवरी 2023) को सुनवाई करेगी। उससे पहले हल्द्वानी में सन्नाटा दिख रहा है। उस लाइन नंबर 17 वनभूलपुरा में भी बुधवार (4 जनवरी 2023) को पूरी तरह सन्नाटा था, जहाँ हुए प्रदर्शन के वीडियो वायरल हैं।

लाइन नंबर 17 मुख्यतः किदवई नगर की मुख्य सड़क से हट कर है। जहाँ से महिलाओं और बच्चों के धरने का वीडियो आया था उसे आजाद नगर कहते हैं। बुधवार सुबह करीब 11 बजे ऑपइंडिया इस इलाके में पहुँची। अधिकतर दुकानें और मकान मुस्लिमों की है। महिलाएँ खरीदारी करती और पुरुष सड़क पर धूप सेंकते दिखे। आवाजाही सामान्य थी।

इसी गली में हुआ था धरना

इसलिए चुनी गई थी धरने की वो जगह

एक स्थानीय व्यक्ति ने हमें नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लाइन नंबर 17 ही वो बॉर्डर है, जहाँ तक रेलवे ने बुलडोजर चलाने के लिए जगह को चिन्हित कर रखा है। यहाँ एक सड़क बाजार को 2 हिस्सों में बाँटती है। बाईं तरफ का हिस्सा अतिक्रमण की जद में आ रहा, जबकि दाईं तरफ का हिस्सा बच सकता है। ऐसे में रेलवे की जमीन के बॉर्डर वाली सड़क को धरने के दिन प्रदर्शन के लिए चुना गया था।

वनभूलपुरा की गलियों को कहा जाता है ‘लाइन’

हल्द्वानी का वनभूलपुरा वो इलाका है, जहाँ गलियों के नाम ‘लाइन’ नंबर के तौर पर लिए जाते हैं। लाइन शब्द अमूमन रेलवे प्रयोग करता है। उदाहरण के लिए हल्द्वानी स्टेशन पर 3 लाइनें हैं। वनभूलपुरा क्षेत्र में जहाँ तक अतिक्रमण का क्षेत्र गिना गया है, उसे लाइन नंबर 17 कहा जाता है। इन लाइन नम्बरों में बाकायदा झुग्गियाँ और पक्के मकान बनवा लिए गए हैं।

गलियों को कहा जाता है लाइन

रेलवे ने लगा रखा है अतिक्रमण का लाल निशान

ऑपइंडिया ने उस चिह्न को भी खोज निकाला जिसे रेलवे ने अतिक्रमण के बॉर्डर के तौर पर चिह्नित कर रखा है। इस निशान में एक तीर का चिह्न बना हुआ है। जिस घर पर निशान लगा हुआ है वो घर बंद था। रेलवे लाइन से निशान के बीच तमाम दुकानें मौजूद थीं। उन दुकानों पर भी सामान्य काम धंधा होता दिखाई दिया।

रेलवे द्वारा लगा निशान

वनभूलपुरा और जाम

वनभूलपुरा से गुजरने वाली सड़क हल्द्वानी शहर से बाहर जाती है। न सिर्फ रेलवे मार्ग बल्कि यह सड़क भी अतिक्रमण का शिकार हो चुकी है। किदवई नगर की शुरुआत में काफी चौड़ी यह सड़क रेलवे क्रॉसिंग पहुँचते-पहुँचते बिल्कुल संकरी हो जाती है। सड़क के दोनों तरफ अधिकतर मुस्लिमों की दुकाने हैं। ट्रेन गुजरने के दौरान इस रोड पर सिग्नल गिरा दिया जाता है जो अक्सर 10 से 15 मिनट तक बीच गिर जाता है। इस दौरान यहाँ काफी जाम लग जाता है। जाम की वजह से आने-जाने वाले राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

ट्रैफिक जाम
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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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