Sunday, September 8, 2024
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‘पुरुष कमाने वाले रहे, इसीलिए उन्होंने ज़्यादा आज़ादी का आनंद लिया’: बोलीं प्रियंका चोपड़ा – महिलाओं का सफल होना कई पुरुषों को लगता है ‘वर्चस्व को चुनौती’

प्रियंका चोपड़ा फ़िलहाल रूसो ब्रदर्स की वेब सीरीज 'Citadel' को लेकर सुर्ख़ियों में हैं, जिसके बारे में उनका कहना है कि 22 साल के करियर में उन्हें पहली बार पुरुषों के समान पैसे मिले हैं।

बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने समाज में स्त्री और पुरुष को लेकर टिप्पणी की है। कई अंग्रेजी फिल्मों और टीवी सीरीज में काम कर चुकीं अभिनेत्री ने कहा कि पुरुषों को लंबे समय तक आज़ादी और गौरव का आनंद लेने का मौका मिला, क्योंकि वो परिवार में कमाने वाले और परिवार का पालन-पोषण करने वाले हैं, वो परिवार के मुखिया रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई महिला ऐसा करने लगती है तो ये पुरुषों के वर्चस्व के लिए चुनौतीपूर्ण बन जाता है।

उन्होंने कहा कि ऐसा तब भी होता है जब महिला, पुरुष से ज़्यादा सफल हो जाए और पुरुष घर पर रहे, महिला काम के लिए बाहर जाने लगे। उन्होंने कहा कि हमें अपने बेटों को सिखाना चाहिए कि रोने में कोई शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए, अपनी पत्नी/गर्लफ्रेंड, माँ या बहन के साथ चीजें साझा करने और उन्हें ध्यान का केंद्र बनाने में भी कोई शर्म नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने भी उनकी माँ के साथ ऐसा ही किया था। उन्होंने पुरुषों को सन्देश दिया, “सबको सक्सेसफुल होने दो।”

बकौल प्रियंका चोपड़ा, अब जब वो अपने पति निक जोनास के साथ रेड कार्पेट पर वॉक करती हैं और वो अलग हट कर उन्हें आकर्षण का केंद्र बनने देते हैं, उन्हें इस बात पर काफी फ़ख्र होता है कि उन्होंने खुद को ऐसे लोगों के घेरे में रखा है जो इन चीजों को लेकर असुरक्षित (Insecure) नहीं हैं। प्रियंका चोपड़ा फ़िलहाल रूसो ब्रदर्स की वेब सीरीज ‘Citadel’ को लेकर सुर्ख़ियों में हैं, जिसके बारे में उनका कहना है कि 22 साल के करियर में उन्हें पहली बार पुरुषों के समान पैसे मिले हैं।

हालाँकि, उन्होंने कहा कि उनके जीवन में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो उनकी सफलता को लेकर काफी इनसेक्योर महसूस करते हैं। प्रियंका चोपड़ा ने बताया कि उनके पिता जब सेना में थे, तभी उनकी माँ ने प्राइवेट नौकरी शुरू कर दी थी। उन्होंने कहा कि इन दोनों के बीच कोई ईगो नहीं था क्योंकि उनकी माँ ने भले चीजों का ज्यादा ध्यान रखना शुरू कर दिया था लेकिन वो साथ में एक यूनिट की तरह थे, सोचते थे आखिर पैसा घर में ही तो आ रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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