अफ्रीका से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाए गए एक और चीते की मौत हो गई। मृत मादा चीता का नाम दक्षा था। चीतों के बीच हुई लड़ाई में दक्षा की मौत हुई। कूनो नेशनल पार्क में बीते 2 महीनों में यह तीसरे चीते की मौत है।
कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता दक्षा की मौत को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। इसके अनुसार, कूनो में चीतों की संख्या बढ़ाने के लिए मादा चीता दक्षा को दो नर चीतों अग्नि और वायु के साथ छोड़ने का फैसला किया गया था। इसके बाद मंगलवार (9 मई 2023) की सुबह मादा चीता दक्षा को घायल पाया गया। इसी दिन दोपहर को उसकी मौत हो गई।
मादा चीता दक्षा के शरीर में नर चीते द्वारा किए गए हमलों के घाव मिले हैं। नर और मादा चीता के बीच मेटिंग (सेक्स) के दौरान नर चीता का हिंसक होना सामान्य बात है।
MP| A female Cheetah Daksha, brought from South Africa has died in Kuno National Park. This is the 3rd death so far: MP Chief Conservator of Forest JS Chauhan pic.twitter.com/dQp5V0f1Ek
— ANI (@ANI) May 9, 2023
सिर्फ सेक्स के लिए मिलते हैं नर और मादा चीता
वास्तव में एक मादा चीता का जीवन बहुत अधिक समस्याओं से भरा होता है। लेकिन इसके लिए वह स्वयं ही जिम्मेदार होती है। दरअसल, मादा चीता नर चीतों से अलग रहना पसंद करती हैं। सिर्फ सेक्स के दौरान ही ये नर चीतों के पास आती हैं। सेक्स के बाद नर चीते का काम खत्म हो जाता है। अगली बार सेक्स पीरियड में मादा चीता फिर नर चीता के पास आती है और फिर से दोनों अलग हो जाते हैं।
एक्सपर्ट कहते हैं कि मादा चीता के सेक्स पीरियड का अनुमान पहले से नहीं लगाया जा सकता। शावकों को जन्म देने के कुछ दिनों बाद भी ये सेक्स कर सकती हैं। किसी भी मादा चीता का सेक्स पीरियड 14 दिनों का होता है। इस दौरान ये नर चीते की गंध के सहारे उसके करीब पहुँचती है।
सेक्स पीरियड में एक मादा चीता कई नर चीतों के साथ संबंध बनाती है। इस दौरान नर चीता मादा के साथ हिंसक व्यवहार करते हैं। इससे आमतौर पर मादा चीता घायल हो जाती है। कूनो में मादा चीता दक्षा की मौत के पीछे भी यही संभावना जताई गई।
एक मादा चीता को औसतन 9 शावकों को अकेले ही पालना पड़ता है। इसका सीधा मतलब यह है कि मादा चीता को हर रोज शिकार करना होता है। चूँकि वह अकेले रहती है, ऐसे में उसे अपने बच्चों की निगरानी भी खुद करनी होती है।
2 महीनों में तीसरे चीते की मौत
अफ्रीका से भारत लाए गए चीतों में यह तीसरे चीते की मौत है। इससे पहले मार्च में मादा चीता शासा की मौत हो गई थी। भारत लाने से पहले ही शासा की किडनी में इंफेक्शन था। भारत लाने के बाद जाँच में भी इसकी पुष्टि हुई थी। उसका इलाज चल रहा था। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। वहीं, इसी साल अप्रैल में नर चीते उदय की मौत हो गई थी। उसकी मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया था।