इजयराल और फिलिस्तीन के बीच जारी विवाद में गाजा पर ताबड़तोड़ एयरस्ट्राइक हुई। इस दौरान इस्लामिक जिहाद की रॉकेट ईकाई का टॉप कमांडर अली हसन उर्फ अबु मुहम्मद समेत 25 से 27 लोग मारे गए। टॉप कमांडर के मारे जाने के बाद गाजा पट्टी की ओर से इजरायल पर 547 रॉकेट दागे गए। खबर है कि इनमें से 368 रॉकेटों ने सीमा पार किया जबकि बाकी बचे गाजी में ही गिर गए।
🔴 OPERATIONAL UPDATE: We just targeted Ali Ghali, the commander of Islamic Jihad’s Rocket Launching Force, as well as two other Islamic Jihad operatives in Gaza.
— Israel Defense Forces (@IDF) May 11, 2023
Ghali was a central figure in IJ, as well as responsible for the recent rocket barrages launched against Israel. pic.twitter.com/GToj67UjTT
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, फिलिस्तीन के आतंकी संगठन के 4 लोग अब तक बमबारी में मारे जा चुके हैं। अली हसन गली की मौत गुरुवार को हुई। इस संबंध में इजरायल डिफेंस फोर्स ने ट्वीट करके जानकारी दी कि उन्होंने अली गली को को निशाना बनाया था। उसके अलावा गाजा के दो अन्या इस्लामिक जिहाद ऑपरेटिव मारे गए हैं।
कुछ देर पहले इजरायल डिफेंड फोर्स के ट्वीट के मुताबिक उनकी एयरस्ट्राइक में अबू डेका भी मारा गया। वह इस्लामिक जिहाद की रॉकेट फोर्स का डिप्टी कमांडर था। इजरायल की जनता पर पिछले दिनों हुई बमबारी में उसका हाथ था।
🔴OPERATIONAL UPDATE:
— Israel Defense Forces (@IDF) May 11, 2023
Abu Deka, deputy commander of IJ terrorist organization’s rocket force, was just targeted.
He was directly responsible for the barrages of rockets fired toward Israeli civilians in the last few days. pic.twitter.com/I8tv2f2NCZ
गाजा में फिलिस्तीनी मंत्रालय के अनुसार जो 25-27 लोग मारे गए उनमें से 15 की मौत 11 मई को हुई, 7 की 10 मई को और 3 की पिछले हफ्ते। इन मौतों के अलावा बताया जा रहा है कि गाजा पर शुरू हुई एयरस्ट्राइक के बाद 76 लोग घायल हुए हैं। इजरायल की डिफेंस फोर्स ने आतंकवाद को सबके लिए खतरा बताया हुए लिखा कि इस्लामिक जिहाद द्वारा लॉन्च किए गए रॉकेटों में से 25% गाजा में ही गिर गए थे, इस वजह से वहाँ की जनता भी चोटिल हुई।
गौरतलब है कि गाजा पर एयरस्ट्राइक के दौरान जो कमांडर मारा गया उसे रॉकेट चलाने का 20 साल का अनुभव था। मरने से पहले उसे अल कुद्स ब्रिगेड की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 1975 में पैदा हुआ अली हसन गली 90 के दौर में इस्लामिक जिहाद से जुड़ा था। वो न केवल रॉकेट लॉन्च करने की ट्रेनिंग आतंकियों को देता था बल्कि खुद भी रॉकेट लॉन्चर बनाता था। उसे मारने के बाद आईडीएफ ने उसकी फोटो जारी की है। साथ ही आतंकियों को निशाना बनाने वाली कुछ वीडियोज भी शेयर की हैं।