Friday, November 22, 2024
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मेयर चुनाव में सभी 17 सीटों पर सूपड़ा साफ़, फिर किस बात का जश्न मना रहे अखिलेश यादव? आज़म खान के गढ़ में भी मिली हार, नगपालिका-पंचायत में भी निराशा

"उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव का संदेश यह है कि समाजवादी पार्टी की नकारात्मक, परिवारवादी भ्रष्टाचारी, जातिवादी, तुष्टीकरण की राजनीति, लड़के हैं गलती हो जाती है, मजहब विशेष से प्रेम करने वाली राजनीति का ‘अंतकाल’ शुरू हो गया है। अब ठीक है?"

उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में एक बार फिर भगवा लहराता दिख रहा है। अब तक सामने आए रुझान में बीजेपी सपा, बसपा और कॉन्ग्रेस को करारी शिकस्त देते हुए बड़ी जीत की कर बढ़ रही है। हालाँकि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव यूपी के निकाय चुनावों की हार का गम छिपाने के लिए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार का जश्न मनाते दिख रहे हैं।

दरअसल, कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम को लेके अखिलेश यादव ने एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है,

“कर्नाटक का संदेश यह है कि भाजपा की नकारात्मक, सांप्रदायिक, भ्रष्टाचारी, अमीरोन्मुखी, महिला-युवा विरोधी, सामाजिक-बँटवारे, झूठे प्रचारवाली, व्यक्तिवादी राजनीति का ‘अंतकाल’ शुरू हो गया है। यह नए सकारात्मक भारत का महँगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार व वैमनस्य के खिलाफ सख्त जनादेश है।”

वास्तव में, देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में बीजेपी बंपर जीत हासिल करती दिख रही है। मेयर चुनाव में तो विपक्ष का सूफड़ा साफ हो गया। मेयर के लिए हुए चुनाव में 17 में से 17 सीटें बीजेपी के पाले में जाती दिख रही है। वहीं, नगरपालिका अध्यक्ष के लिए 199 सीटों में हुए मतदान में से 96 सीटों में बीजेपी तो वहीं 35 में सपा, 19 में बसपा और 04 सीटों में कॉन्ग्रेस आगे चल रही है।

वहीं, नगर पंचायत अध्यक्ष की 544 सीटों में से 444 सीटों के रुझान सामने आए हैं। यहाँ भी भाजपा प्रचण्ड जीत की ओर जाती दिख रही है। बीजेपी 174, सपा 73, बसपा 35 और 04 सीटें कॉन्ग्रेस के खाते में जाती नजर आ रही हैं। यही हाल यूपी के उपचुनाव का भी है। सपा का गढ़ कहे जाने वाली स्वार सीट में सपा की हार हुई है। वहीं, छानबे में भी सपा उम्मीदवार पीछे चल रही हैं। दोनों ही सीटों पर ‘अपना दल’ जीतती दिख रही है।

उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में करारी हार के बाद भी अखिलेश यादव कर्नाटक में बीजेपी की हार पर जश्न मना रहे हैं। इसको लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए ट्रोल करना शुरू कर दिया। सुधीर मिश्रा नामक यूजर ने लिखा, “बेगानी शादी में ‘अब्दुल्ला’ दीवाना। यूपी नगर निकाय में सपा का बहुत बुरा हाल हुआ है। सपा तीसरे और चौथे नंबर पर है। यहाँ तक रामपुर से अब्दुल्ला आजम वाली सीट भी सपा हार गई है। लोकतंत्र में इसी को ‘बेशर्मी’ कहते हैं।”

नरेंद्र मोदी फैन नामक यूजर ने लिखा, “उत्तर प्रदेश में 17 में से 1 मेयर बना नही सपा का और ये संदेश स्पष्ट की बात कर रहा है।”

राजेन्द्र शुक्ला नामक यूजर ने ट्वीट कर कहा है, “उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव का संदेश यह है कि समाजवादी पार्टी की नकारात्मक, परिवारवादी भ्रष्टाचारी, जातिवादी, तुष्टीकरण की राजनीति, लड़के हैं गलती हो जाती है, मजहब विशेष से प्रेम करने वाली राजनीति का ‘अंतकाल’ शुरू हो गया है। अब ठीक है।”

योगेश गुप्ता नामक यूजर ने लिखा, “यूपी में समाजवादी पार्टी की हार पर एक ट्वीट तो कर दीजिए यादव जी। आप अपनी हार की कुंडली भी लिख दो।”

राणा सिंह राजपुरोहित नामक यूजर ने लिखा, “अपने प्रदेश के दोनों उपचुनाव में खुद की पार्टी हार गई। रामपुर तो एक समय सपा का गढ़ था, वहाँ भी हार गए। निकाय चुनाव में सुपड़ा साफ हो गया। लेकिन खुशी कॉन्ग्रेस के जीत में हो रही है। वाह राजनीति।”

कुंदन नामक यूजर ने लिखा, “खुद की हालत देख लो टोंटी भाई, कर्नाटक को भाजपा और कॉन्ग्रेस पर छोड़ दो।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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