राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने बुधवार (17 मई 2023) को 6 राज्यों में 100 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। आतंकवाद, नशे के तस्करों और गैंगस्टर्स के नेटवर्क पर यह एक्शन लिया गया है। जाँच एजेंसी के अधिकारी राज्य पुलिस बलों के साथ मिलकर सुबह से ही छापेमारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि एनआईए द्वारा पिछले साल दर्ज तीन अलग-अलग मामलों में यह छापेमारी की गई है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में 100 से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी की है। दिल्ली-एनसीआर में 32 स्थानों पर छापा मारा गया। पंजाब के अलग-अलग इलाकों और चंडीगढ़ मिलाकर टीम ने 67 जगहों पर तलाशी अभियान चलाया। उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़, बरेली और लखीमपुर में छापेमारी हुई है। मध्य प्रदेश में भी दो स्थानों पर एनआईए ने छापा मारा है।
National Investigation Agency (NIA) is conducting searches at more than 100 locations in six states-Haryana, Punjab, Rajasthan, UP, Uttarakhand and MP in terror-narcotics smugglers-gangsters nexus cases. pic.twitter.com/SG4QY0VOEo
— ANI (@ANI) May 17, 2023
उत्तराखंड के बाजपुर में रतनपुरा गाँव के रहने वाले गुरविंदर सिंह के घर भी एनआईए की टीम ने छापा मारा। एजेंसी के ऑफिसर्स को शक है कि गुरविंदर सिंह खालिस्तान समर्थकों के संपर्क में है। जानकारी के मुताबिक गुरविंदर अपने घर पर नहीं मिला। गुरविदंर के अलावा प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के सदस्य जसविंदर सिंह मुल्तानी के सहयोगियों के ठिकानों पर भी तलाशी अभियान चलाया गया। जसविंदर सिंह मुल्तानी को एसएफजे के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू का करीबी माना जाता है।
आतंकी-गैंगस्टर-ड्रग तस्कर नेटवर्क के खिलाफ NIA ने पिछले साल तीन मामले (आरसी 37, 38, 39/2022/एनआईए/डीएलआई) दर्ज किए थे। पहले मामले यानी 37/2022/एनआईए/डीएलआई में ही NIA ने 25 जनवरी 2023 को दीपक राँगा नाम के शूटर को गिरफ्तार किया था। राँगा ने ही मई 2022 में मोहाली में पंजाब पुलिस के मुख्यालय पर आरपीजी अटैक किया था। पता चला है कि दीपक राँगा आतंकी लखबीर सिंह संधू उर्फ लाँडा और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा का करीबी है।
एनआईए को मिले इनपुट्स के अनुसार आतंकी-गैंगस्टर-ड्रग तस्कर नेटवर्क देश में अवैध हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी का काम भी करते हैं। यह नेटवर्क सरहद पर पाकिस्तान से हथियार हासिल कर देश के अन्य राज्यों में पहुँचाने का भी काम करता है। हथियारों के अलावा इस नेटवर्क का इस्तेमाल नशे के सामान की आपूर्ति के लिए भी किया जाता है।