Friday, November 22, 2024
Homeराजनीति'तमिल संस्कृति को आगे बढ़ा रहे PM मोदी': अधीनम के 293वें महंत ने की...

‘तमिल संस्कृति को आगे बढ़ा रहे PM मोदी’: अधीनम के 293वें महंत ने की तारीफ़, ‘सेंगोल’ बनाने वाले 97 साल के वुम्मिडी भी बोले – ये गौरव का क्षण

"नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का हिस्सा बन कर मैं काफी गौरव की अनुभूति कर रहा हूँ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से तमिल संस्कृति और तमिल जनता के साथ खड़े हैं।"

मदुरै अधीनम के प्रमुख महंत ने नए संसद भवन के उद्घाटन में तमिल संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। श्री हरिहर देसिका स्वमिगल ने रविवार (28 मई, 2023) को कहा कि पीएम मोदी ने तमिल अधीनम को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित कर के तमिल संस्कृति को आगे बढ़ाया है। बता दें कि श्री हरिहर देसिका स्वमिगल ने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘सेंगोल’ भेंट किया था।

उन्होंने कहा, “नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का हिस्सा बन कर मैं काफी गौरव की अनुभूति कर रहा हूँ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से तमिल संस्कृति और तमिल जनता के साथ खड़े हैं। ऐसा करने वाले नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं।” बताते चलें कि स्वमिगल मदुरै अधीनम के 293वें महंत हैं। वहीं ‘वुम्मिडी बंगारू ज्वेलर्स’ के चेयरमैन वुम्मिडी सुधाकर ने नए संसद भवन में ‘सेंगोल’ की स्थापना को एक ऐतिहासिक क्षण करार दिया।

वुम्मिडी बंगारू चेट्टी परिवार के 97 वर्षीय वयोवृद्ध मुखिया ने कहा कि ये बहुत बड़े गौरव का क्षण है। लगभग एक घंटे तक चले वैदिक पूजा-पाठ के दौरान ‘सेंगोल’ को संसद में स्थापित किया गया। बता दें कि ये वही सेंगोल’ है, जिसे आज़ादी के बाद सत्ता हस्तांतरण के दौरान जवाहरलाल नेहरू को सौंपा गया था। नए संसद भवन की खासियत है कि इसमें 888 संसद सदस्य एक साथ बढ़ सकते हैं। भविष्य में संसदीय क्षेत्रों की संख्या बढ़ने पर भी कोई दिक्कत नहीं आएगी।

बता दें कि भारत के नए संसद भवन का निर्माण TATA कंपनी ने किया है। इसमें एक बड़ा कंस्टीटूशन हॉल भी है, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत को दर्शाया गया है। इसे 65,000 स्क्वायर मीटर के क्षेत्र में बनाया गया है। सीलिंग के लिए दमन एवं दीव से स्टील, उदयपुर से केसरिया हरा पत्थर, अजमेर से लाल ग्रेनाइट और अम्बाजी से सफ़ेद संगमरमर – नए संसद भवन में इन सबका इस्तेमाल किया गया है। अशोक स्तम्भ के लिए मैटेरियल महाराष्ट्र के औरंगाबाद से लाया गया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिन कपिल मुनि के कारण गंगा धरती पर आईं, मकर संक्रांति के दिन हिंदुओं को मिलता है मोक्ष… खतरे में उनका मंदिर, सो रही...

चक्रवात 'दाना' ने मिट्टी के कटाव को तेज कर दिया है। अब समुद्र और मंदिर के बीच सिर्फ एक किलोमीटर का फासला रह गया है।

पश्चिम बंगाल का राजभवन वक्फ का, देश का सबसे बड़ा ‘कलकत्ता गोल्फ कोर्स’ भी उसी का: बवाल होने पर बंगाल वक्फ बोर्ड ने पल्ला...

बंगाल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष साहिदुल मुंशी ने कहा कि बोर्ड के पास इस बात की कोई तथ्यात्मक जानकारी नहीं है कि बंगाल राजभवन वक्फ संपत्ति है।
- विज्ञापन -