भारतीय रेलवे ने उन खबरों को भ्रामक और आधारहीन बताया है जिसमें बिलासपुर में एक ही पटरी पर 2 ट्रेनें आ जाने का दावा किया जा रहा है। इस दावे का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इस वीडियो को समाजवादी पार्टी के नेता IP सिंह सहित नवभारत टाइम्स के पत्रकार सोमेश पटेल ने भी शेयर किया है। इन सभी ने वीडियो को बालासोर से जोड़ते हुए एक और ट्रेन हादसा टल जाने जैसे कैप्शन भी दिए हैं।
क्या है वायरल वीडियो में
समाजवादी पार्टी के नेता I P सिंह ने रविवार (11 जून 2023) को इस वीडियो को शेयर किया है। यह वीडियो 29 सेकेंड का है जिसमें ट्रैक पर कुछ ही दूरी पर 2 अलग-अलग ट्रेनें खड़ी दिखाई दे रहीं हैं। दोनों ट्रेनों के बीच में कुछ लोग खड़े दिख रहे हैं। इन्ही में से एक व्यक्ति वीडियो बना रहा है। वीडियो बनाने वाले ने मेमो ट्रेन और मालगाड़ी को एक ही ट्रैक पर दिखाते हुए जगह बिलासपुर बताई है। दोनों ट्रेनों के बीच 2 खम्बो की दूरी बताई गई। साथ ही वीडियो में भारतीय रेलवे पर टिप्पणी की गई है।
21वीं सदी का भारत है बड़े बड़े झूठे दावे मोदी सरकार करती है।
— I.P. Singh (@IPSinghSp) June 11, 2023
पड़ोसी देश चीन में 400km प्रति घण्टे की स्पीड से ट्रेन चलती हैं।
वहीं भारत में 2000-3000 लोग उड़ीसा मारे गये आजके युग में एक साथ 3 ट्रेन हादसे
आज छत्तीसगढ़ बिलासपुर का वीडियो है एक ही ट्रैक पर दो रेलगाड़ियां आ गयीं। pic.twitter.com/0wM2f6AwOd
सपा नेता और पूर्व मंत्री I P सिंह ने इस वीडियो के बहाने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, “21वीं सदी का भारत है। बड़े-बड़े झूठे दावे मोदी सरकार करती है। पड़ोसी देश चीन में 400km प्रति घण्टे की स्पीड से ट्रेन चलती हैं। वहीं भारत में 2000-3000 लोग उड़ीसा मारे गए आज के युग में एक साथ 3 ट्रेन हादसे। आज छत्तीसगढ़ बिलासपुर का वीडियो है एक ही ट्रैक पर दो रेलगाड़ियाँ आ गईं।”
समाजवादी नेता के इस ट्वीट पर उनके समर्थकों ने बिना पूरे मामले को जाने या समझे उनके ही सुर में सुर मिला दिए। तमाम लोगों ने आनन-फानन में रेलमंत्री और मोदी सरकार पर हमले शुरू कर दिए मोहम्मद वसीम रज़ा ने तो कमेंट में तंज के तौर पर ‘जय श्री राम’ लिख डाला।
न सिर्फ समाजवादी पार्टी के नेता और उनके समर्थक बल्कि कुछ पत्रकारों ने भी इस वीडियो को एक और ट्रेन हादसे की आशंका के साथ शेयर किया है। ETV ने बाकायदा इस पर एक खबर भी बनाई है।
रेलवे ने बताई सच्चाई
इस वीडियो के वायरल होने के बाद दक्षिण पूर्व रेलवे ने पूरे मामले की असलियत बताई है। रेलवे के मुताबिक जिस जगह है वीडियो वायरल हो रहा है वो स्थान जयरामनगर-बिलासपुर सेक्शन है। यह जगह ऑटोमेटिक सिग्नलिंग ब्लॉक सेक्शन में आता है। नियमानुसार जहाँ भी ऑटोमेटिक सिग्नलिंग ब्लॉक सेक्शन होता है वहाँ एक ही लाइन पर एक से अधिक गाड़ियों को एक ही समय में सिग्नल के आधार पर सुरक्षित तौर पर चलाया जाता है। जिस गाड़ी का वीडियो वायरल हो रहा उसका भी परिचालन इसी ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम के मुताबिक ही किया गया था।
कुछ मीडिया चैनलों में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमे यह दिखाया गया है कि गतौरा स्टेशन में एक गुड्स ट्रेन और मेमू ट्रेन एक ही ट्रैक पर आ गई थी । उसके बारे में यह बताना है कि #SECR के बिलासपुर मंडल का जयरामनगर-बिलासपुर सेक्शन ऑटोमेटिक सिग्नलिंग ब्लॉक सेक्शन है | @RailMinIndia
— South East Central Railway (@secrail) June 11, 2023
इसी मामले को थोड़ा और स्पष्ट करते हुए रेलवे ने बताया कि ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम में 2 गाड़ियों के बीच का फासला लगभग 150 मीटर तक होता है। हालाँकि MEMU ट्रेन होने पर यह दूरी 75 मीटर तक भी हो सकती है। जिस MEMU ट्रेन की चर्चा वायरल वीडियो में हो रही है उसके पीछे LV का बोर्ड लगा हुआ है | इसके मतलब ये है कि आगे मेमू ट्रैन है और पीछे निश्चित दूरी पर दूसरी ट्रेन मौजूद है। रेवले ने इसमें किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं बताई है। पहले भी इसी तरह की एक भ्रामक खबर वायरल होने की जानकारी देते हुए रेलवे ने इसे शेयर कर रहे लोगों से सनसनी न बनाने की अपील की है। रेलवे का मानना है कि ऐसा करने से यात्रियों पर गलत प्रभाव पड़ता है।