नंदिनी 10 साल की है। उसके एक पैर नहीं हैं। लेकिन भाई के लिए प्रेम और महादेव के प्रति आस्था ऐसी है कि उसने 85 किलोमीटर की यात्रा एक ही पैर से कूद-कूद कर पूरी कर ली। बाबा गरीबनाथ के मंदिर पहुँची। उनका जलाभिषेक किया। ऐसा कर उसने उन ग्रामीणों को भी गलत साबित किया जो कहते थे- लड़की खुद चल तक नहीं सकती, जल क्या चढ़ाएगी?
दिव्यांग नंदनी बिहार के हाजीपुर की रहने वाली है। बाबा गरीबनाथ का मंदिर उसके घर से करीब 85 किलोमीटर दूर सोनपुर में है। उसने सोमवार (21 अगस्त 2023) की सुबह मंदिर में जलाभिषेक किया। सावन के दौरान इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है।
नंदनी रविवार की रात ही बाबा गरीबनाथ के धाम पहुँच गई थी। सोमवार सुबह पहलेजा घाट से गंगा जल लेकर उसने जलाभिषेक किया। पूजा-अर्चना कर अपने भाई के स्वास्थ्य का अशीर्वाद महादेव से माँगा। कुछ रिपोर्टों में नंदनी की उम्र 11 साल और उसके घर से गरीबनाथ धाम की दूरी करीब 100 किलोमीटर बताई गई है।
नंदनी के इस कठिन संकल्प के पीछे उसके छोटे भाई का स्वास्थ्य है। दरअसल, दो साल पहले उसका भाई गंभीर रूप से बीमार हो गया था। इसके बाद उसने बाबा गरीबनाथ से प्रार्थना की थी कि भाई के ठीक होने के बाद वो जल चढ़ाने उनके दरबार में आएगी।
भाई का दिल हुआ ठीक, तो बहन ने की ‘तपस्या’
राजनंदिनी के छोटे भाई को हृदय रोग था। भाई के स्वस्थ होने पर वह बाबा गरीबनाथ के दर पर जल चढ़ाने पहुँच गई। राजनंदिनी ने मीडिया को बताया;
“भाई के ठीक होने के लिए मैंने प्रार्थना की थी। आज वो पूरी हो गई, तो मैं बाबा जलाभिषेक करने आई हूँ। आज मैं बहुत खुश हूँ। मेरा सपना आईपीएस बनकर देश की सेवा करना है। भले ही मेरे पास एक ही पाँव हैं, लेकिन मेरे हौसले में कोई कमी नहीं है।”
राजनंदिनी के पिता सुभाष कुमार भी उसके साथ जल चढ़ाने आए थे। उनसे गाँव के लोगों ने कहा कि जो लड़की खुद चल तक नहीं सकती, वो जल क्या चढ़ाएगी? लेकिन राजनंदिनी ने सबको गलत कर दिया है।