Thursday, May 2, 2024
Homeदेश-समाजPak हिन्दू बच्चों को दिल्ली के स्कूल में दाखिला देने पर केजरीवाल सरकार को...

Pak हिन्दू बच्चों को दिल्ली के स्कूल में दाखिला देने पर केजरीवाल सरकार को क्या दिक्कत? HC ने दिखाई सख्ती

इसी साल 14 मई को पाक से भागकर भारत आए गुलशेर ने अपने 3 बच्चों को तालीम दिलवाने के लिए यहाँ के स्कूल प्रशासन, क्षेत्र विधायक एवं वरिष्ठ अधिकारियों के पास जा जाकर कई दिनों तक मदद की गुहार लगाई, किंतु फिर भी उनकी फरियाद अनसुनी ही रही।

दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजीव शकधर ने दिल्ली सरकार को आज (अक्टूबर 11, 2019) नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने आप सरकार को ये नोटिस पाकिस्तानी हिन्दू बच्चों को दिल्ली के स्कूल में दाखिला न दिए जाने वाले मामले में किया है। इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील अशोक अग्रवाल द्वारा दायर की गई थी।

ऑपइंडिया से वकील अशोक अग्रवाल ने बात करते हुए बताया कि दिल्ली सरकार तीन में से एक बच्चे का दाखिला स्कूल में लेने को तैयार है। दिल्ली सरकार के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि बाकी दो बच्चों के बारे में निर्णय 17 अक्टूबर को लिया जाएगा। जबकि कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील को सभी तीनों बच्चों के दाखिले करने के लिए बोला है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि आखिर बच्चों के स्कूल में दाखिले से राज्य सरकार को क्या दिक्कत हो सकती है? अंतिम फैसला आने तक उन दो बच्चों के स्कूली भविष्य पर संशय बरकरार रहेगा।

अशोक अग्रवाल ने खुद अपने ट्विटर पर इस मामले में हुई कार्रवाई के बारे में बताया। उन्होंने बताया, “वकील अशोक अग्रवाल द्वारा छतरपुर के भाटी माइन्स में रहने वाले पाक के 3 हिन्दू बच्चों को कक्षा 9वीं में दाखिला न देने के मामले में दायर याचिका पर न्यायाधीश राजीव शकधर ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया। अगली सुनवाई 17 अक्टूबर 2019 को होनी है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान के जुल्मों सितम से परेशान होकर भारत की शरण में आने वाला एक पाकिस्तानी हिन्दू परिवार दिल्ली में दर-दर की ठोकरे खाने को महीनों से मजबूर है। इसी साल 14 मई को पाक से भागकर भारत आए गुलशेर ने अपने 3 बच्चों को तालीम दिलवाने के लिए यहाँ के स्कूल प्रशासन, क्षेत्र विधायक एवं वरिष्ठ अधिकारियों के पास जा जाकर कई दिनों तक मदद की गुहार लगाई, किंतु फिर भी उनकी फरियाद अनसुनी ही रही।

थक हारकर कुछ दिन पहले उन्होंने इंसाफ के लिए दिल्ली के हाई कोर्ट का रुख किया। उनकी ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने अदालत में याचिका डाली। जिसपर संज्ञान लेते हुए आज अदालत ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया। इससे पहले इस परिवार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील अशोक अग्रवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूरे मामले से अवगत करवाते हुए पत्र लिख चुके हैं।

बता दें कि फिलहाल गुलशेर, दिल्ली के भाटी माइन्स में अपने तीनों बच्चों के साथ रहते हैं। वे 14 मई 2019 को अपने तीनों बच्चों के साथ पाकिस्तान से भारत आए थे। यहाँ इन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए 5 जुलाई को अपने बच्चों का नाम सफलतापूर्वक एक स्कूल में पंजीकृत करवाया और 8 जुलाई से इन बच्चों को क्लास अटेंड करने की भी अनुमति दे दी गई। लेकिन 14 सितम्बर को अचानक बच्चों को बड़ी उम्र का हवाला देकर स्कूल से निकाल दिया गया। तीनों बच्चे तब से 9 वीं कक्षा में दाखिले के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

भारत में शरिया शासन चाहता है CNN, मुखालफत करने वालों को बताता है इस्लाम विरोधी: हिंदू घृणा से भरा अमेरिकी मीडिया का लेख पढ़ा...

CNN के लेख में मोदी सरकार पर आरोप लगाया गया है कि इसने मुस्लिम बहुल राज्य जम्मू कश्मीर की स्वायत्ता छीन ली, जो कि निराधार है।

जो है बच्चों के हत्यारों/ बलात्कारियों की समर्थक, जिसके लिए हिंदू हैं भिखमंगा… उस परवीन शेख के लिए जागा इंडियन एक्सप्रेस का मजहब

इंडियन एक्सप्रेस ने परवीन शेख का पक्ष रख बताया कि उनसे इस्तीफा माँगा जा रहा है लेकिन ये नहीं बताया कि परवीन शेख ने कैसे हमास को समर्थन दिया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -