तुर्की में पुरातत्वविज्ञानियों को एक ऐसी मूर्ति मिली है, जिसमें एक पुरुष अपना लिंग पकड़ कर खड़ा दिख रहा है। बताया जा रहा है कि ये मूर्ति 11,000 वर्ष पुरानी है। इतिहासकारों ने कहा है कि इस मूर्ति से कृषि के विकास से पहले के काल को समझने में मदद मिलेगी। साथ में एक जंगली सूअर की मूर्ति भी मिली है। इसे एक अभूतपूर्व आर्कियोलॉजिकल खोज बताया जा रहा है। इससे उस समय के समाज को समझने में भी मदद मिलेगी। गोबेली टेपे और कराहन टेपे के आसपास के इलाकों में ये मूर्तियाँ मिलीं।
इन्हें दुनिया के सबसे बड़े टेम्पल परिसरों में से गिना जाता है। गोबेली टेपे महापाषाण काल के T आकार के स्तंभों के लिए विख्यात है। साथ ही यहाँ कई ऐसी मूर्तियाँ मिली हैं जिनमें काफी पेचीदा काम किया हुआ है। बताया जा रहा है कि अंतिम संस्कार के कार्यों में इनका इस्तेमाल किया जाता था। UNESCO ने भी इसे अंतरराष्ट्रीय धरोहर की मान्यता दी हुई है। प्रागैतिहासिक काल को समझने के लिए ये महत्वपूर्ण है। जंगली सूअर वाली आकृति को लाइमस्टोन से बनाया गया है।
गोबेली टेपे में में मिली ये मूर्ति 8700 BC से लेकर 8200 BC तक के बीच की है। जहाँ इसकी लंबाई 4.4 फ़ीट है, वहीं ऊँचाई 2.3 फ़ीट है। इसमें लाल, काला और सफ़ेद रंगों का इस्तेमाल किया गया है। इससे पता चलता है कि इसे पेण्ट भी किया गया था। वहीं इससे 22 मील की दूरी पर स्थित कराहन टेपे में पुरातत्वविदों को 7 फ़ीट लंबे एक पुरुष की मूर्ति मिली है। इसकी पसलियों, रीढ़ की हड्डी और और कंधों की बनावट स्पष्ट दिख रही है। इतिहासकारों का मानना है कि ये वहाँ स्थित इमारत से जुड़े किसी पूर्वज की मूर्ति हो सकती है।
"We witnessed 12 thousand years of history…"
— AB Türkiye Delegasyonu🇪🇺EU Delegation to Türkiye (@EUDelegationTur) October 18, 2023
"Finds fascinate, shed light on the ages."
"A mesmerizing atmosphere…"
These words belong to the EU delegatio&accompanying European journalists who visited Karahantepe,a site shedding light on the history of humanity in Şanlıurfa. pic.twitter.com/Jn5DIbomVP
इस मूर्ति की खासियत ये है कि ये व्यक्ति अपना लिंग अपने हाथ में पकड़ा हुआ दिख रहा है, जिसे इशारा मिलता है कि ये किसी समुदाय का प्रजनक रहा होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस इलाके में हर एक इमारत से जुड़ा कोई न कोई पूर्वज रहा होगा। इस व्यक्ति का चित्रण मृतक के रूप में किया गया होगा, ये कयास भी लगाए जा रहे हैं। कुछ ही दूर पर एक गिद्ध की मूर्ति भी मिली है। हालाँकि, इस पर और शोध और अध्ययन के बाद ही वैज्ञानिक अधिक जानकारी दे पाएँगे।