Thursday, June 19, 2025

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History

धर्म, शासन और सेवा का दुर्लभ संगम लोकमाता अहल्याबाई होल्कर: काशी से केदारनाथ तक जिनकी छाप, आत्ममंथन माँगती है 300वीं जयंती

आज के युग में क्यों प्रासंगिक हैं अहिल्याबाई होल्कर? आज जब राजनीति, प्रशासन और धर्म - तीनों में नैतिक मूल्यों का क्षरण हो रहा है, तब अहिल्याबाई जैसी विभूतियाँ प्रेरणा देती हैं कि ईमानदारी, त्याग और सेवा भाव से भी शासन चलाया जा सकता है।

विनायक दामोदर सावरकर: एक ऐसा नाम जिससे अंग्रेज भी काँपते थे, जो थे हिन्दू राष्ट्र के पुनर्जागरण के स्वप्नद्रष्टा

अंग्रेजों को डर था कि अगर वीर सावरकर जैसे व्यक्ति देश में खुलकर बोलने लगे, तो उनका राज एक दिन भी टिक नहीं पाएगा।

मराठों ने दिखाया रौद्र रूप, मरते दम तक भागता रहा औरंगजेब: पराक्रम का वो इतिहास जो छत्रपति संभाजी को 40 दिन तक दी गई...

तुलापुर में मराठों के अचानक आक्रमण से मुगल जोर-जोर से चिल्लाने लगे, "हुजूर, मराठा आ रहे हैं!" एक ओर संताजी मुगल सेना का नाश कर रहे थे।

तुर्की नहीं भारत से शुरू हुआ ‘लौह युग’, तमिलनाडु में मिले 5300 साल पुराने साक्ष्य: लोहे को गला कर बनाए गए थे चाकू-तलवार, अमेरिकी...

लौह युग की शुरुआत तुर्की नहीं बल्कि भारत में हुई थी। तमिलनाडु से मिले लोहे के औजारों और बर्तनों की जाँच से इस बात की पुष्टि हुई है।

‘पूजा करो तो मातृभूमि की, सेवा करो तो देशवासियों की’: शिकागो से 4 साल बाद लौट स्वामी विवेकानंद ने भावुक होकर माँगी थी ‘धरती...

शिकागो में 11 सितंबर 1893 को स्वामी विवेकानंद के ओजस्वी भाषण ने दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी वाणी भारत के पुनरुत्थान का शंखनाद थी।

जिस फातिमा शेख को बताते हैं पहली महिला मुस्लिम टीचर, उसका वजूद ही नहीं? लेखक-चिंतक दिलीप मंडल बोले- मैंने गढ़ा था काल्पनिक कैरेक्टर, मुझे...

दिलीप मंडल कहते हैं कि फातिमा शेख का कैरेक्टर उन्होंने किसी कारण से गढ़ा था। बाद में सोशल मीडिया पर उनकी कहानी फैली। अब वह अपनी गलती स्वीकारते हैं।

हम गुरु गोविंद सिंह के पुत्र हैं, अपना धर्म नहीं छोड़ सकते… जब साहिबजादों ने इस्लाम की जगह चुना बलिदान: वीर बाल दिवस पर...

गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों- जोरावर सिंह और फतेह सिंह के समक्ष वजीर खान ने इस्लाम कबूलने की शर्त रखी थी। लेकिन दोनों साहिबजादों ने धर्म बदलने से साफ मना कर दिया

जिस संभल में हिंदुओं को बना दिया अल्पसंख्यक, वहाँ की जमीन उगल रही इतिहास: मंदिर-प्राचीन कुओं के बाद मिली ‘रानी की बावड़ी’, दफन थी...

जिस मुस्लिम बहुल लक्ष्मण गंज की खुदाई चल रही है वहाँ 1857 से पहले हिन्दू बहुतायत हुआ करते थे। यहाँ सैनी समाज के लोगों की बहुलता थी।

तिरछी आँखें, चपटी नाक, लंबी खोपड़ी… इस्लाम के आने से पहले कुवैत में क्या था? खुदाई में मिली मिट्टी की 7000 साल पुरानी मूर्ति...

इस्लामी मुल्क कुवैत के पुरातत्वविदों ने 7,000 साल पुरानी ऐसी एक आकृति की खोज की है, जो आजकल के एलियन के जैसे दिखता है।

बांग्लादेश बॉर्डर से सटा जिला, भूमि माँ लक्ष्मी की, नाम रख दिया गया करीमगंज… CM हिमंत बिस्व सरमा ने बदल दिया नाम: अब जाना...

असम को उसके ऐतिहासिक मूल्यों से जोड़ने की कोशिश बताते हुए CM हिमंत बिस्व सरमा ने करीमगंज जिले का नाम बदल कर श्रीभूमि किया

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