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History
समाज को बचाने के लिए वीर देते थे खुद का बलिदान, महान भारतीय परंपरा का बेंगलुरु में मिला साक्ष्य: बुरी शक्तियों को भगाने के...
13वीं और 14वीं शताब्दी में बेंगलुरु के वीर समाज को बुरी शक्तियों से बचाने के लिए खुद का बलिदान देते थे। इन बलिदानियों की मूर्तियाँ मिली हैं।
भारत की स्त्रियों का गरिमामयी और सशक्त इतिहास: पुरुषों के साथ मिलकर रची हैं सफलता की कहानियाँ, आवश्यकता है संपूरकता के विमर्श की
यदि रावण ने सीता माता का हरण किया तो उनकी रक्षा के लिए पुरुषों ने योगदान दिया। यदि स्त्रियों ने जौहर किया तो साका भी हजारों पुरुषों ने किया।
‘आक्रांता और बलात्कारी था अकबर, मीना बाजार से महिलाओं को उठाकर करता था रेप’: राजस्थान के शिक्षा मंत्री बोले- उसे महान कहना पाप
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि मुग़ल शासक अकबर महान नहीं बल्कि बलात्कारी था जो कि महिलाओं को मीना बाजार से उठवा लेता था।
आक्रांताओं की हिंसा से बचाने के लिए देवी-देवताओं, महिलाओं को घर में लाया गया… राम मंदिर से महिलाएँ फिर होंगी स्वतंत्र-सुरक्षित
श्री राम और राम राज्य इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि हिंसा सनातन संस्कृति का हिस्सा नहीं थी। राम मंदिर से समाज में यह बात फिर से घर करेगी।
हर दिन काटी गाय, मंदिर में फैलाया खून… मंदिर में ही खाते थे गोमांस: अजमेर के मोइनुद्दीन चिश्ती और उसके शागिर्दों का सच
जिसके बारे में हमें पढ़ाया गया ‘सूफी संत’, उस मोइनुद्दीन चिश्ती ने पृथ्वीराज को जिंदा पकड़ लिया और उसे 'इस्लाम की सेना' को सौंप दिया।
‘4 लाख वर्षों से अयोध्या आ रहे श्रद्धालु’: जहाँगीर के समय ही अंग्रेज यात्री ने लिख दिया पर वामपंथियों ने छिपाया – ‘यहाँ हुआ...
"यहाँ 400 वर्ष पूर्व बने रामचंद्र के महलों और घरों के खँडहर अभी तक हैं। भारतीय उन्हें भगवान मानते हैं, जिन्होंने दुनिया का तमाशा देखने के लिए शरीर धारण किया था।"
India नहीं अब भारत लिखेंगे-पढ़ेंगे-बोलेंगे छात्र, किताब में मोहम्मद गोरी जैसों को हराने वालों की भी होगी बात: NCERT के पैनल ने की बदलावों...
NCERT की समिति ने पाठ्य-पुस्तकों में इंडिया के बजाय भारत लिखने की सिफारिश की है। इसके साथ ही इतिहास में हिंदुओं की जीत को पढ़ाया जाएगा।
अपना लिंग हाथ में लिए हुए पुरुष, 11000 साल पुरानी मूर्ति: तुर्की में हुई खोज के बाद पुरातत्व वैज्ञानिक भी हैरान
तुर्की के कराहन टेपे में पुरातत्वविदों को 7 फ़ीट लंबे एक पुरुष की मूर्ति मिली है। इसकी पसलियों, रीढ़ की हड्डी और और कंधों की बनावट स्पष्ट दिख रही है।
झाँसी को क्रांतिकारियों की शरणस्थली बनाने वाले ‘मास्टर’, जो चुका रहे थे ‘रानी सा’ का कर्ज: घर के बाहर पुलिस, फिर भी आज़ाद को...
मास्टर जी जी की दिलेरी का यह हाल था कि वो खाली समय में अपने दरवाज़े पर नियुक्त पुलिस वाले से पंजा लड़ा कर अपना वक्त गुज़ारा करते थे। झाँसी में उनके यहाँ ही रुके थे चंद्रशेखर आज़ाद।
दम्बूक-दम्बूक… जब एक छोटे से बच्चे ने अटका दी थी बड़े-बड़े क्रांतिकारियों की साँसें, चंद्रशेखर आज़ाद ने ऐसे होशियारी से सँभाला मामला
बच्चे ने इसके बाद सभी पर अपनी 'दम्बूक' से निशाना साधा और सभी ज़मीन पर गिरने लगे। आज़ाद गोदी में लिए बच्चे को बाहर आ गए और जीजाजी के हवाले कर दिया।