"मेरे बहादुरों। हमारे राजा जब तक गढ़ न पहुँच जाए, तब तक एक भी शत्रु इस दर्रे से होकर नहीं गुजरना चाहिए। मराठी आन की लाज हमारे हाथों में है। हर हर महादेव!"
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अतिरिक्त यदि कोई इस बँटवारे का प्रखर विरोधी था तो वो गाँधी थे। मुस्लिम लीग की ज़िद के आगे कॉन्ग्रेस ने घुटने टेक दिए थे, न कि गाँधी ने।