Saturday, July 27, 2024
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Anand Kumar Singh

बिंत-ए-सहरा रूठा करती थी मुझ से मैं सहरा से रेत चुराया करता था #TehjeebHafi

चिंतन: निराशावादी और विरोधाभासी है वामपंथ, समाज के विपरीत है इसकी अवधारणा

मार्क्सवाद समाज को दो भागों में वर्गीकृत करता है, जो कि शोषण कर रहे हैं और जो शोषित हैं। यह उन परिभाषाओं के विपरीत है, जिन पर 'समाज' मौजूद है। ये उन सभी सिद्धांतो को भी ख़ारिज करता है जो एक व्यक्ति या संस्था की सफलता और खुशी के उपायों का अनुमान लगाते हैं।