Tuesday, November 19, 2024
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अनुपम कुमार सिंह

भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

हथियारों से लैस होना जरूरी, वरना भेड़िये तो राह चलते साधुओं पर भी अकारण झपट्टा मारते हैं: दिनकर ने क्यों कहा था ऐसा?

फ़रवरी 21, 1963 को राज्यसभा में दिए अपने भाषण में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने समझाया था कि अहिंसा का अर्थ क्या होता है।

लेहरू जी ने बनवाए इतने अस्पताल, फिर भी सोनिया-राहुल क्यों जाते हैं विदेश?

सोनिया गाँधी अपने रूटीन स्वास्थ्य चेकअप के लिए विदेश गई हैं। उनके साथ-साथ राहुल गाँधी भी गए हैं। उन्हें नेहरू के अस्पतालों पर भरोसा नहीं?

38 देश, 5 अलग-अलग पैमाने वाले ग्राफ और आँकड़े: कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच मोदी सरकार का परफॉर्मेन्स

क्या ये सच है कि पहली तिमाही में भारत की जीडीपी में बाक़ी देशों से तुलना में सबसे ज्यादा गिरावट आई है? और कैसे सुधारी जा रही है अर्थव्यवस्था?

सेना से चिढ़ने वाले लिबरल गैंग अब रिया के पिता के आर्मी बैकग्राउंड की दे रहे दुहाई: क्या है डर, किसका साध रहे हित?

लिबरल गैंग ने रिया के पिता के आर्मी बैकग्राउंड से होने को भुनाना शुरू कर दिया है। इसमें राजदीप सरदेसाई और स्वरा भास्कर जैसे लोग लग भी गए हैं।

‘जय वाल्मीकि, जय श्रीराम’ – वो नारा, जिससे 52 गाँव के दलितों ने ओढ़ा भगवा, उतार फेंका फर्जी भीमवादियों का नीला गमछा

ये सभी दलित और वाल्मीकि समुदाय के युवक थे, जिन्होंने भीम आर्मी जैसे संगठनों और फर्जी नारा देने वालों के बहकावे में आकर हिन्दू धर्म से विमुख होना शुरू कर दिया था।

जामिया वालों को Airtel प्रमोटर फैजान खान ने उपलब्ध कराया था फर्जी नंबर, Whatsapp के जरिए दंगों की साजिश

फैजान खान ने जिओ प्रमोटर गौरव की तस्वीर और अब्दुल की आधार आईडी के साथ सिम कार्ड निकाल कर जामिया के एक बड़े छात्र नेता को दिया था।

गद्दार को खदेड़ कर गोली मारने वाले कन्हाई: वो जो भगत सिंह से भी कम उम्र में फाँसी पर चढ़े, जिनका खुदीराम से है...

दोनों के सिर्फ नाम व जन्मदिन ही समान नहीं हैं बल्कि कृष्ण की तरह कनाईलाल ने भी अपने लोगों को गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी।

अब्बू अनजान-बीवी को करतूतों का भान, चाहिए माफी: युसूफ जैसा ही होता है आतंकी का ‘आदर्श’ परिवार

यहाँ किसी करीम की गर्लफ्रेंड यह साबित करने के लिए संघर्ष नहीं करती है कि उसका मृत बॉयफ्रेंड आतंकी नहीं था, बल्कि यहाँ किसी अशफाक की बीवी अपने 'जान' को एक हिन्दू नेता की क्रूर हत्या के बाद वापस आने के लिए बड़े प्यार से बोलती है।