सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने 154 विधायकों के समर्थन का दावा किया। वहीं, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बताया कि गवर्नर को 162 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा गया है। संजय राउत 175 का दावा करते रहे हैं।
विचारधारा में अंतर न होते हुए भी जब 50-50 के फॉर्मूले पर शिवसेना ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर एनसीपी और कॉन्ग्रेस जैसी पार्टियों संग विलय की जो उत्सुकता दिखाई, उसने जनता के सामने उसके सत्तालोलुप चरित्र को सामने लाकर रख दिया। शिवसेना ने हिंदुत्व से समझौता किया।
पिछले 10-15 सालों में जनता ने इस बात को बखूबी समझा है कि कॉन्ग्रेस पार्टी में सत्ता-सुख की लालसा रखने वाला केन्द्रीय नेतृत्व यानी गाँधी परिवार पर गाहे-बेगाहे भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहते हैं। आरोप लगने से लेकर इसकी सच्चाई आने तक जनता एक मतदाता के रूप में अपना काम कर चुकी होती है। क्यों, क्योंकि खून-पसीना एक कर टैक्स भरने वाली जनता और करे तो क्या करे?
22 दिसंबर 1926 को स्वामीजी पुरानी दिल्ली के अपने मकान में आराम कर रहे थे। अब्दुल रशीद नाम का एक व्यक्ति उनके कमरे में दाखिल हुआ। स्वामीजी के सेवक को पानी लाने के बहाने बाहर भेजा और सामने से तीन गोलियाँ मार दी।