लोजपा भी नवादा पर अपना दावा छोड़ने को तैयार नही है और गिरिराज सिंह भी पीछे नहीं हट रहे। हालाँकि, गिरिराज सिंह ने कहा है, "चुनाव लड़ूँ या नही, पार्टी की सेवा की है और आगे भी करता रहूँगा।"
फिलहाल बिहार महागठबंधन के सीटों की आधिकारिक घोषणा होने तक इंतजार कीजिए और ये सोच के मज़े लीजिए कि जब सीटों की ये मारामारी है तो प्रधानमंत्री पद के लिए किस हद तक जाया जा सकता है?