Friday, November 22, 2024
45 कुल लेख

प्रो. रसाल सिंह

प्रोफेसर और अध्यक्ष के रूप में हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषा विभाग, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं। साथ ही, विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, छात्र कल्याण का भी दायित्व निर्वहन कर रहे हैं। इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज में पढ़ाते थे। दो कार्यावधि के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद के निर्वाचित सदस्य रहे हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में सामाजिक-राजनीतिक और साहित्यिक विषयों पर नियमित लेखन करते हैं। संपर्क-8800886847

जहाँ कर रहे मजदूरी-काम, वहीं से मतदान: 90-95% वोटिंग का हो लक्ष्य, NOTA को लेकर बने कड़ा कानून

90-95% मतदान लोकतंत्र की स्वीकार्यता, सशक्तता, गतिशीलता की आधारभूत शर्त है। प्रवासी मतदाताओं को कार्यस्थल से मतदान का विकल्प दिया जाना चाहिए।

जिनको ‘पाकिस्तानी’ कह जेल में ठूँसना चाहते हैं केजरीवाल, मानवीय रूप से वो सब भारतीय… 1955-86-92-2003-05 का इतिहास पढ़ ले AAP

घोर धार्मिक प्रताड़ना के कारण विस्थापित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना गलत कैसे? राजनीतिक कारणों से इसका विरोध करना अमानवीय और असंवैधानिक है।

निर्धन-वंचित वर्ग का आर्थिक समावेशन, स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता, महिला सशक्तिकरण… रामराज्य का समसामयिक संस्करण है PM मोदी का ‘नव-कल्याणवाद’

PM मोदी का शासन-सूत्र रामराज्य का समसामयिक संस्करण है। उनके शासन का ध्येय-मंत्र 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास' है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कार्यान्वयन: टूटेगा अंग्रेजी का वर्चस्व – दलित, आदिवासी, पिछड़े, महिलाओं के लिए नई संभावनाओं का द्वार

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत CBCS और LOCF प्रणाली छात्रों को अपने पसंदीदा पाठ्यक्रम चुनने और बुनने की स्वतंत्रता प्रदान करती है।

कॉर्पोरेट और विदेशी हस्तक्षेप का कारण बनते चुनावी बॉन्ड: राजनीतिक दलों के लेनदेन में जनता ही गौण, जानिए क्यों गड़बड़ है अनियंत्रित, असीमित और...

चुनावी बॉन्ड का जारीकर्ता SBI है, जो एक सरकारी बैंक है। इससे सरकार द्वारा विपक्षी दलों को चंदा देने वाले दानकर्ता की पहचान की ट्रैकिंग की आशंका बनी रहती है और उसके संभावित उत्पीड़न या बदले की कार्रवाई की चिंताएँ रहती है।

गुलामी के चिह्नों को मिटा कर शिक्षा का भारतीयकरण, आमूलचूल परिवर्तन कर रही मोदी सरकार: मैकॉले पुत्रों की असफल नीति के कारण लाई गई...

इस औपनिवेशिक तंत्र में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए उसे भारत केंद्रित बनाने और उसके भारतीयकरण पर जोर दिया जा रहा है। भारतीय ज्ञान परंपरा का पुनराविष्कार और प्रतिष्ठा राष्ट्रीय शिक्षा नीति की केंद्रीय चिंता है।

राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन: भारत को विश्व महाशक्ति बनाने में मील का पत्थर, चीन-अमेरिका को प्रौद्योगिक प्रगति से देंगे टक्कर

अमेरिका, चीन जैसे देशों का उदाहरण हमारे सामने। राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन हमें इनको टक्कर देने वाली विश्व महाशक्ति बनाने में मददगार होगी।

1 लाख+ लोग गिरफ्तार, 24 घंटों में 6 हजार नसबंदी: आपातकाल का वो ‘काला दौर’ जब लोकतंत्र से हुआ खिलवाड़, कुचली गई हर अभिव्यक्ति

1977 में हुए चुनावों में आपातकाल के खिलाफ लोगों के आक्रोश की अभिव्यक्ति हुई। इंदिरा गाँधी के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस को करारी हार मिली।