"सचिन के साथ शैफ़ाली पढ़ती थी। उसने एक बार स्कूल में कह दिया, 'सचिन की माँ कितनी अजीब दिखती है।' अगले दिन मुझे स्कूल बुलाया गया। क्योंकि सचिन ने शैफ़ाली को सीने में मारा था और वो रो रही थी। सचिन ने बेझिझक बताया कि शैफ़ाली ने जो आपके बारे में कहा, इसलिए मारा।"
मुझे अच्छी तरह याद है 1992 का मुकाबला जब पहली बार भारत पाकिस्तान विश्वकप में भिड़े थे। यह भारत बनाम पाकिस्तान, सचिन तेंदुलकर और मेरा, तीनों का पहला विश्व कप था। वह विश्व कप जिसकी वजह से क्रिकेट मेरे लिए धर्म बन गया।