Sunday, November 24, 2024
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सुधीर गहलोत

प्रकृति प्रेमी

पाकिस्तान के इस शक्तिपीठ को मुस्लिम कहते हैं ‘नानी मंदिर’, पूजा को मानते हैं ‘हज’: तीर्थयात्रा करने वाली महिलाएँ कहलाती हैं ‘हाजियानी’

पाकिस्तान में हिंदुओं के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक हिंगलाज माता का मंदिर भी है। स्थानीय मुस्लिम इसे 'नानी का मंदिर' कहते हैं।

हिंदू-सिखों को मरते छोड़ भाग गए थे कॉन्ग्रेसी नेता, सैकड़ों RSS कार्यकर्ताओं के बलिदान से बची हजारों जिंदगी: इतिहास की इन किताबों से जानें...

भारत बँटवारे के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने बहादुरी का परिचय देते हुए सैकड़ों हिंदू-सिख परिवारों की रक्षा की।

‘एक लाख राजपूतों के सिर कटेंगे, तब औरंगजेब श्रीनाथ जी को छू पाएगा’: जब डर से कोई नहीं दे रहा था आश्रय, तब मेवाड़...

औरंगजेब की डर कोई भी श्रीनाथजी की मंदिर के लिए भूमि और ब्राह्मणों को आश्रय नहीं दे रहा था। मेवाड़ के महाराणा राज सिंह ने दिया संरक्षण।

अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान, जहाँ किया जाता है लाभ का दुरुपयोग… न्यायिक सुधारों की भी आवश्यकता: डॉ. अतुल कोठारी

मदरसों में कट्टरता की शिक्षा वर्षों से दी जा रही है। जब सरकार बदली है तो पुरानी चीजें अब बाहर आ रही हैं। कुछ सरकार शिकंजा कस रही हैं।

श्रीकृष्ण के परपोते का बनाया केशवदेव मंदिर, जिसे खंडहर में तब्दील कर औरंगजेब ने पढ़ी नमाज: अकबर ने तोड़ने के लिए भेजा, मानसिंह ने...

मथुरा के केशवदेव मंदिर को श्रीकृष्ण के प्रपौत्र व्रजनाभ ने सबसे पहले बनवाया था। इसे गजनवी, लोदी और औरंगजेब ने तोड़ा और मानसिंह ने फिर बनवाया।

प्रवीण नेट्टारू की हत्या से लेकर प्रोफेसर का हाथ काटने तक: PFI और शरिया कोर्ट, इस्लामीकरण के विरोधी हिंदुओं के कत्लेआम का फरमान

कर्नाटक में BJYM नेता प्रवीण नेट्टारू की हत्या में PFI की भूमिका सामने आ रही है। इसकी शरिया कोर्ट के आदेश पर ही प्रोफेसर का हाथ काटा गया था।

प्राणघातक ‘पड़ोसी’, जानलेवा ‘पहचान’: प्रवीण हो या कन्हैया लाल या फिर उमेश कोल्हे… हर हिंदू की हत्या में कश्मीर वाला पैटर्न

हाल की घटनाओं ने लोगों को ध्यान दिलाया है कि मुस्लिम दोस्त, पड़ोसी और सहकर्मियों ने ही हिंदुओं की हत्याओं में भूमिका अदा की है।

40 में से 35 धरोहर हमारे, फिर धूर्त इतिहासकारों ने क्यों किया मुगलों का गुणगान? कुल्फी-समोसे से लेकर कुलचे तक का क्रेडिट, ‘काफिरों’ को...

वामपंथी इतिहासकारों ने मुगलों के नाम पर ऐसी कहानी रची कि लगा भारत में सब कुछ मुगलों की ही देन है। अगर मुगल नहीं होते तो भारत ही नहीं होता।