काशी कब चल रहे हो? महसूस कीजिए शताब्दियों की उपेक्षा, अनदेखी और लूट के बाद पैदा हुई इस नवीनता, उत्साह और आशा को
काशी एक शहर मात्र नहीं है। यह हमारी सभ्यता की जीवंतता और चिरंतनता का जीता-जागता प्रमाण है। गंगा अगर इसके प्राण हैं तो भोलेनाथ इसका हृदय।
काशी एक शहर मात्र नहीं है। यह हमारी सभ्यता की जीवंतता और चिरंतनता का जीता-जागता प्रमाण है। गंगा अगर इसके प्राण हैं तो भोलेनाथ इसका हृदय।
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल गाँधी का कहना है कि 2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में भी नहीं आता था। आइए, उन्हें इतिहास बताएँ।
स्वामी श्रद्धानंद ने सलाह दी थी, "प्रत्येक नगर में एक हिन्दू-राष्ट्र मंदिर की स्थापना अवश्य की जानी चाहिए जिसमें एक साथ 25,000 लोग समा सकें।"
एक समय में लगभग 4000 लोग इस रोप-वे पर यात्रा कर पाएँगे। विश्व में यह सेवा अभी तक केवल बोलीविया के लाल पाज और मेक्सिको की राजधानी में ही है।
उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2015-16 के 43,000 रुपए की तुलना में वर्ष 2021 में आज दोगुने से भी अधिक 95,000 रुपए हो गया है।
एक उद्योगपति और मुख्यमंत्री की मुलाकात आम बात है। पर जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हों और उद्योगपति गौतम अडानी तो उसे आम कैसे कहा जा सकता?
अधीर रंजन चौधरी और ममता बनर्जी के बीच वक्तव्यों की यह लड़ाई चाहे जितनी गंभीर हो, कॉन्ग्रेस पार्टी और उसके केंद्रीय नेतृत्व को पता है कि बिना उनके विपक्षी एकता…
मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि के अतिक्रमण का मुद्दा नया नहीं है। मामला अदालत में भी चल रहा। शाही ईदगाह मस्जिद औरंगजेब ने मंदिर तोड़ कर बनवाया था।
'किसान आंदोलन' के कारण देश को 60,000 करोड़ रुपए का घाटा सहना पड़ा। हत्या और बलात्कार की घटनाएँ हुईं। आम लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी।
ऐसे विपक्ष का क्या इलाज है? क्या लोकतंत्र के नाम पर ऐसे विपक्ष को ढोते रहना चाहिए?