राजनैतिक मुद्दे
हर सियासी मुद्दे का वह पहलू जिस पर ख़बरों से आगे चर्चा है ज़रूरी
हिन्दुओं को कोने में ढकेलना बंद करो, 101वीं गलती पर सुदर्शन चले तो तहजीब की गजलें मत गाना
हिन्दू बच्चियों से 'लव' और 'रेप जिहाद', 70+ हिन्दुओं की मजहबी भीड़ द्वारा लिंचिंग... ये 'bleed Hindus with thousand cuts' की नीति है।
सिंहासन खाली हुई लेकिन जनता नहीं, सत्तालोलुप नेता आए: जेपी के वो चेले, जिन्होंने उड़ा दी गुरु की ही ‘धज्जियाँ’
यूपी-बिहार ही नहीं, पूरे देश में कई ऐसे बड़े नेता हैं, जो आज राजनीति के इस मुकाम पर इसीलिए हैं क्योंकि उन पर कभी जयप्रकाश नारायण का हाथ था। लेकिन, इन नेताओं की प्राथमिकता में जनता कभी रही ही नहीं।
क्या बिहार चुनावों में ‘गॉडफादर’ के माइकल जैसा कमाल दिखा पाएँगे चिराग पासवान?
'भाजपा तुझसे बैर नहीं पर नीतीश तेरी खैर नहीं' की तर्ज पर चिराग पासवान की एलजेपी मैदान में है। देखना दिलचस्प होगा कि चुनावी ऊंट चिराग की करवट बैठता है या नहीं!
रामविलास पासवान: जातिबोध था लेकिन लोक व्यवहार की लक्ष्मण रेखा का कभी उल्लंघन नहीं किया
पासवान समाजवादी परिपाटी के नेता थे। उनकी शुरुआती राजनीति संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से ही आरम्भ हुई थी। परन्तु उनका नाम हाजीपुर के साथ अभिन्न रूप से जुड़ गया। वे आठ बार हाजीपुर से चुनाव जीते।
आडवाणी, नरेंद्र मोदी के बाद अब मीडिया ने CM योगी आदित्यनाथ को अपनी नफरत का पसंदीदा विषय बना लिया है
योगी वो राजनेता बने हुए हैं, जिनसे मीडिया नफरत करना पसंद करती है। पहले लाल कृष्ण आडवाणी, फिर नरेंद्र मोदी और अब मीडिया ने योगी आदित्यनाथ को अपना पसंदीदा लक्ष्य बना लिया है।
अदम्य साहसी नागा रेजिमेंट Vs चीन के बहकावे वाला NSCN-IM: स्थानीय करेंगे 3000 हिंसक समर्थकों की चाल बेकार
नागालैंड के निवासियों का भारतीय लोकतंत्र में गहरा विश्वास है। यही कारण है कि 2014 के आम चुनावों में इस राज्य का मत प्रतिशत 87.82% था, जो...
लड़ाई अन्याय से या हिन्दू राष्ट्र से? विरोध करने वाले बुद्धिजीवी ढपलीबाज गैंग… पहले तय कर लो, करना क्या है
क्या इस धर्म (हिंदू) को नष्ट करना आसान है? सदियों से प्रयास हो रहे हैं, 1-2 हथौड़ा आप भी चला कर देख लीजिए और हो जाए तो अवश्य सूचित करिए।
बिहार चुनाव: जब 6% के लिए ब्राह्मण-सवर्ण का मुद्दा उछल सकता है तो 15% SC वोटर के लिए क्या कुछ नहीं हो सकता
बिहार के चुनावी आग की गर्मी इतनी तेज होती है कि बिहार से दिल्ली तक कुछ भी सुलग सकता है। अगर संभावनाओं की बात करें तो इससे किसी 'दलित' का झोंपड़ा जल सकता है और इलाके के तथाकथित सवर्णों पर आग लगाने का इल्जाम भी थोपा जा सकता है।
कोसी का ऊँट किस करवट बैठैगा इस बार? जहाँ से बनती-बिगड़ती है बिहार की सरकार… बाढ़ का मुद्दा किसके साथ?
लॉकडाउन की वजह से बाहर गए मजदूरों का एक बड़ा वर्ग इस बार घर पर ही होगा। पलायन की पीड़ा के अलावा जिस बाढ़ की वजह से...
बिहार चुनाव की वो 40+ सीटें, जहाँ ओवैसी कर सकते हैं खेल: राजनीति की प्रयोगशाला में चलेगा दलित-मुस्लिम कार्ड
किशनगंज (करीब 68%), कटिहार (करीब 45%), अररिया (करीब 43%) और पुर्णिया (करीब 39%) में कम से कम 20 सीटें ऐसी हैं, जहाँ से...