सामाजिक मुद्दे

हिन्दुओं की मौत में अख़लाक़ वाला सोफ़िस्टिकेशन नहीं है

क्या मार दिए गए किसी व्यक्ति को सिर्फ इसलिए न्याय नहीं मिलना चाहिए, क्योंकि उसका नाम अख़लाक़ नहीं बल्कि रामलिंगम है?

प्रिय मुस्लिम औरतो, आप हलाला, पोलिगेमी और तलाक़ के ही लायक हो! क्योंकि आप चुप हो!

घरवालों ने बेटे से कहा कि अपने फ़ैसले पर पुनर्विचार करे। पति की शर्त आई कि पहले लड़की को उसके पिता के साथ हलाला करना होगा। हलाला यानी ससुर के…

चर्च यौन शोषण: पोप का चुप्पी तोड़ना उनके मौन से भी ख़तरनाक है क्योंकि…

बलात्कार, यौन शोषण के आरोपित पादरी अब भी खुले घूम रहे हैं, ननों को प्रताड़ित करने वाले बिशप अब भी अपने पद पर बेशर्मी से कार्यरत हैं, चर्च प्रशासन के…

पाकिस्तान का अमानवीय चेहरा: लाखों गदहों की बलि चढ़ा कर भरेगा ख़जाना

Ejiao नामक दवा बनाने के लिए गदहों को धैरती पर सुला कर उनके सिर पर हथौड़ों से ज़ोर-ज़ोर से प्रहार किया जाता है, जिससे कि वो एक धीमी और दर्दनाक…

डियर सोसायटी, लड़की को आप ‘वर्जिनिटी टेस्ट’ पर आँक लेते हैं… लड़कों के लिए भी ऐसा ही कुछ किया जाए?

अगर एक हाइमन के ब्रेक हो जाने से उसके चरित्र पर ही उँगलियाँ उठें और शर्मसार हो जाना पड़े तो जरूरी है कि न केवल महाराष्ट्र की सरकार बल्कि पूरे…

सत्ता की वासना में जब नौकरशाही की निष्ठा शीघ्रपतित होती है तो लोग शाह फ़ैसल बन जाते हैं

वो कहते हैं कि उन्हें दुःख है कि कश्मीरियों की हत्या हो रही है और केंद्र सरकार कुछ नहीं कर रही है। देश के विरुद्ध खुली यलगार करने वाले पत्थरबाजों…

सेकुलर भारत के राष्ट्रपति भवन में ‘मुग़ल गार्डन’: ग़ुलामी के प्रतीकों पर गर्व करने वाली अकेली प्रजाति

गार्डन का नाम 'कलाम गार्डन' कर दो जो कि एक आदर्श नागरिक थे, भारत रत्न थे। आक्रांताओं के नाम पर गार्डन! आतंकियों, लुटेरों, बलात्कारियों, हत्यारों, नरसंहारकों, मूर्तिभंजकों, आतताइयों, धर्मांध अत्याचारियों…

क्या पोप और इमाम की चुम्मी से ज़मीनी स्तर पर सुधरेगी हालत?

अगर पोप और शीर्ष इमाम के बीच का चुम्मा-बंधन पूरा हो तो पोप को हिन्दू मंदिरों पर ईसाई कट्टरवादियों द्वारा किए जा हमले और ननों के यौन शोषण पर भी…

जब ‘हिजाब’ से पितृसत्ता और धार्मिक कुरीतियों की बू आने लगे… तो उसे उतार फेंकना चाहिए

Nike वाला डिज़ाइनर हिजाब किसी विशेष धर्म की कुरीतियों को बढ़ावा देना नहीं तो और क्या है कि अब दौड़ के मैदान में भी एक लड़की 'खिलाड़ी' बनकर नहीं बल्की…

फ़ेक न्यूज़ का भस्मासुर अब नियंत्रण से बाहर हो चुका है

इंडिया टुडे जैसे प्रकाशनों से शुरू हुई ये व्यवस्था प्रचलित अखबार टाइम्स ऑफ़ इंडिया में आई। अब तो इसमें “द हिन्दू”, जनसत्ता और “इंडियन एक्सप्रेस” जैसे तथाकथित विचारधारा वाले अखबार…