पीओके में पाकिस्तान के अवैध कब्जे के ख़िलाफ़ लोग आवाज़ उठा रहे हैं, जिसे मीडिया से दूर रखने और दबाने के लिए पाकिस्तान सरकार क्रूरतापूर्वक दमनकारी अभियान चला रही है।
अलजजीरा के इंटरव्यू के दौरान जब उनसे चीन में वहाँ की सरकार द्वारा सताए जा रहे उइगरों के बारे में पूछा गया, तो इमरान इस सवाल को टालने लगे। उन्होंने कहा कि वो इस समस्या के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं।
2014 में पीएम बनने के बाद ह्यूस्टन इवेंट भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करने का पीएम मोदी का तीसरा बड़ा कार्यक्रम होगा। मई 2019 में दोबारा चुने जाने के बाद अमेरिका में यह इस तरह की पीएम की पहली रैली है।
ब्लैकमैन ने साफ़ कर दिया कि पाकिस्तान को पीओके छोड़ना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जम्मू कश्मीर पूरी तरह भारतीय गणराज्य का हिस्सा है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी ब्लैकमैन को आश्वासन दिया कि ब्रिटेन कश्मीर को भारत-पाक के बीच का मुद्दा मानता है।
इस हमले में कट्टरपंथी नेता मियाँ मिट्ठू का हाथ सामने आया है। उसने न सिर्फ़ मंदिर बल्कि स्कूल को भी नुक़सान पहुँचाया। मियाँ मिट्ठू के नेतृत्व में भीड़ ने पुलिस के सामने शिक्षक की पिटाई की, मंदिर में तोड़फोड़ किया और स्कूल को नुक़सान पहुँचाया।
इंग्लैंड में इंडो-यूरोपियन कश्मीर फोरम और हिंदू काउंसिल यूके ने बर्मिंघम के विक्टोरिया स्क्वायर में अनुच्छेद 370 और 35A को निरस्त किए जाने का समर्थन किया है। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में भी प्रदर्शन किया गया।
पाकिस्तानी प्रोपगेंडा का राग अलापते हुए इमरान ने कहा, "कश्मीर में 80 लाख मुस्लिम पिछले लगभग छह सप्ताह से कैद हैं। भारत पाकिस्तान पर आतंकवाद फैलाने का आरोप लगा दुनिया का ध्यान इस मुद्दे से भटकाना चाहता है।"
शेख रशीद ने कहा कि वह जेल में बंद किसी भी नेता को मिली AC या TV की सुविधा हटाने के विरोध में नहीं हैं लेकिन वह नवाज़ शरीफ सहित अन्य नेताओं को टेप रिकॉर्डर और मुकेश के गानों की सीडी देने के पक्ष में ज़रूर हैं।
बलूचिस्तान के नेताओं को पाकिस्तान के डर से देश से बाहर रहना पड़ रहा है। पीओके के समाजसेवी पाकिस्तान पर आरोप लगा रहे हैं। सिंध में लड़कियों का जबरन धर्मांतरण हो रहा है। लेकिन, मलाला कश्मीर पर पाकिस्तानी नैरेटिव चलाने में लगी हैं, वो भी बिना सबूतों के।
इमरान खान की रैली में भीड़ दिखाने के लिए पाकिस्तान के एबटाबाद और रावलपिंडी से लोगों को ट्रकों में भरकर लाया गया। पीओके के राजनीतिक कार्यकर्ता अमजद अयूब ने बताया कि इस रैली का बहिष्कार करने पर पीओके की जनता को वैश्विक समुदाय से बधाई मिलनी चाहिए।