दिल्ली में कब्रिस्तान में काम करने वाले पीर मोहम्मद शरीफ ने झाड़-फूँक के नाम पर 9 साल की बच्ची से रेप किया लेकिन मीडिया ने उसे रिपोर्टों में 'तांत्रिक' लिखा।
द वायर के माध्यम से सुनीता विश्वनाथ द्वारा प्रस्तुत उदाहरण न केवल त्रुटिपूर्ण है, बल्कि भ्रामक भी है, क्योंकि इसमें हिंदुओं से एक आतंकवादी संगठन पर हमले की तुलना पांडवों और भगवान कृष्ण के कष्टों से करते हुए उसे समर्थन देने के लिए कहा गया है।
सबा नकवी की समस्या ये है कि मीडिया में क्यों मुस्लिम दोषियों का नाम उजागर किया गया और योगेंद्र यादव की दिक्कत ये है कि क्यों उनका नाम फ्रंट पेज पर छापा गया।
उमर एजाज के गिरफ्तार होने के बाद मीडिया में एक सेट पैटर्न के तहत हेडलाइन चलाई गई। जहाँ उमर एजाज का नाम बड़ी चालाकी से शीर्षक से छिपाया गया और भारत का नाम उभार दिया गया।