23 अक्टूबर 2021 (शनिवार) को फिल्म अभिनेता सोनू सूद को ट्विटर पर भानु नाम के शख्स ने अपनी बीमार माँ के लिए दवा भेजने पर धन्यवाद दिया। सोनू सूद ने इसको अपना कर्तव्य बता कर भानु के धन्यवाद का जवाब भी दिया। इसी बीच सोनू सूद और उनके फाउंडेशन द्वारा भेजी गई दवाओं की तस्वीर वायरल हो गई। ये दवाएँ फिलहाल चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
ट्वीट की गई फोटो में तडोरा-20 नाम की दवा दिखाई दे रही है। इस दवा के पैकेट पर ‘प्रेम की मूर्ति’ की तस्वीर साफ दिखाई दे रही है। दरअसल, जिस दवा को भानु ने अपनी माँ की दवा बताते हुए ट्वीट किया है, वो असल में पुरुषों के गुप्त रोगों में प्रयोग की जाती है। इसका प्रयोग स्तंभन दोष के ईलाज के लिए किया जाता है।
इस ट्वीट के बाद नेटीजेन्स ने मज़ाकिया अंदाज में जवाब दिया
एक यूजर @anu_raj ने लिखा है कि सोनू सूद अब नया ‘हकीम साहब’ हैं, जो जरूरतमंद लोगों को वियाग्रा (तडलाफिल) भेज रहे हैं।
देवेंद्र पांचाल ने सवाल किया है, “गजब की ड्यूटी… omg तडलाफिल्स भी भेजते हैं….. मतलब युवाओं में जोश भरते हैं।”
कासिम ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है – ‘वियाग्रा भी’
यूजर @iam_hashmi ने भी इस पर व्यंग किया कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लिए दवाएँ भेजते हैं।
दवा डाक्टर द्वारा लिखी की गई थी
हमने इस बात की पड़ताल किया कि क्या सच में ये दवा सोनू सूद द्वारा ही भेजी गई है या इसमें कोई गड़बड़ है। हमने पाया कि यह दवा डॉक्टर द्वारा लिखी गई थी। मिले पर्चे में पहली दवा के रूप में टैडैक्ट 20mg (Tadact 20mg) टैबलेट लिखा हुआ है। इस खास दवा में तडलाफिल (Tadalafil) नमक होता है।
थोड़ी और पड़ताल में हमने पाया कि इस खास नमक का इस्तेमाल इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (स्तंभन दोष) के इलाज के लिए किया जाता है। हालाँकि, यह फेफड़ों में हाई ब्लडप्रेशर के इलाज में भी काम आता है। इसमें रोगी पल्मोनरी आर्टेरियल हाईपरटेंशन या गंभीर PAH से पीड़ित है। तडालाफिल एक फॉस्फोडिएस्टरेज़ -5 (पीडीई 5) है, जिसे पीएएच के इलाज के लिए डॉक्टरों की सलाह पर लिया जाता है।
वो फोटो जिसने गलतफहमी पैदा की
यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि मरीज के लिए डॉक्टर ने आईपीसीए फार्मास्यूटिकल्स का टडैक्ट-20 लिखा था। इस दवा के डिब्बे पर कोई खास छवि नहीं होती। इसकी पैकिंग सामान्य डिब्बों जैसी ही होती है।
सँभावना इस बात की भी जताई जा रही है कि दवा बेचने वाले केमिस्ट के पास डॉक्टर द्वारा लिखा ब्राँड उपलब्ध नहीं था। इसलिए उसने दूसरे ब्राँड की टैडोरा 20 दे दिया। इस ब्राँड की निर्माता ज़ायडस कैडिला फार्मास्यूटिकल्स (Zydus Cadila pharmaceuticals) की सहायक कंपनी जर्मन रेमेडीज़ (German Remedies) है। इन दवाओं की पैकिंग पर छपी तस्वीरों के चलते ही ये पूरी गलतफहमी पैदा हुई।
तडलाफिल (Tadalafil) वियाग्रा नहीं है
वियाग्रा एक ब्राँड का नाम है, लेकिन इसका प्रयोग अक्सर स्तंभन दोष की दवा के रूप में किया जाता है। भानु के ट्वीट में कई लोगों ने टडैक्ट-20 या टडोरा-20 को वियाग्रा समझ लिया, जबकि ऐसा मानना गलत है।
वियाग्रा में सिल्डेनाफिल साइट्रेट (sildenafil citrate) नामक नमक होता है, जिसका उपयोग पुरुषों में शीघ्रपतन के इलाज के लिए किया जाता है। तडालाफिल को वियाग्रा कहना बाजार में उपलब्ध हर डिटर्जेंट को सर्फ कहने के जैसा ही है।
सोनू सूद और उनसे जुड़े विवाद
सोनू सूद का विवादों से पुराना नाता रहा है। सितंबर 2021 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सोनू सूद से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी लगातार 3 दिन चली थी। एक लम्बी तलाशी लेने के बाद इनकम टैक्स विभाग ने सोनू सूद को 20 करोड़ रुपये से अधिक टैक्स चोरी का आरोपित बताया था। इससे पहले भी कई बार यह आरोप लगे हैं कि सोनू सूद ने कोविड-19 संकट का उपयोग अपनी छवि सुधारने में किया है। मई 2021 में जब मेडिकल ऑक्सीजन की माँग बहुत अधिक बढ़ गई थी, तब सोनू सूद पर भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या के कार्यालय से मदद मिलने के बाद भी ऑक्सीजन का सारा क्रेडिट खुद लेने का आरोप लगा था।