ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे (Odisha’s Balasore train accident) के बाद से भारतीय रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर मीडिया में कई तरह की खबरें आ रही है। इनमें से एक खबर में टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) ने दावा किया कि भारत में जो रेल पटरी हैं, उनमें से 98 प्रतिशत देश को स्वतंत्रता मिलने से पहले 1870 से 1930 के बीच बिछाई गई हैं। 98 प्रतिशत रेल पटरियों के अंग्रेजों के जमाने के होने के इस दावे को भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने खारिज कर दिया है।
ट्विटर पर टीओआई के रिपोर्ट को साझा करते हुए भारतीय रेलवे के प्रवक्ता ने कहा है कि हम इस दावे को खारिज करते हैं। यह निराधार और तथ्यों से परे हैं। उन्होंने लिखा है, “इस संवेदनशील परिस्थिति में एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान से इस तरह की गैर जिम्मेदार पत्रकारिता की उम्मीद नहीं की जाती है।” प्रवक्ता ने बताया है कि स्वतंत्र भारत में 1950-51 में रनिंग ट्रैक की लंबाई 59315 किलोमीटर थी। 2022-23 में रनिंग ट्रैक की लंबाई 1,07,832 किलोमीटर है।
We reject this @timesofindia article as baseless & devoid of facts. Irresponsible journalism at such a sensitive juncture is not something expected from a media house of your stature.
— Spokesperson Railways (@SpokespersonIR) June 6, 2023
Here is a comparison of Running Track kilometres:
1950-51: 59315 KM
2022-23: 1,07,832 KM https://t.co/UB68iDy1dV
इन आँकड़ों से जाहिर है कि स्वतंत्र भारत में रेलवे ट्रैक दोगुना हुए हैं। वैसे 2 जून को हुए बालासोर हादसे में 275 लोगों की मौत के बाद से मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए गलत आँकड़ों के साथ तथ्य रखने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले कॉन्ग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दावा किया था कि इस दुर्घटना के बाद से हजारों लोगों ने अपना टिकट कैंसिल करवाया है।
कॉन्ग्रेस नेता भक्त चरण दास ने 4 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के वीडियो कॉन्ग्रेस ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से भी शेयर किया था। वीडियो में भक्त चरणदास ने कहा था, “बीते दिनों में ऐसी रेल दुर्घटना कभी नहीं हुई, बड़ी तादाद में लोगों की मौत हुई है। सरकार आधिकारिक तौर पर 275 लोगों की मौत की बात कह रही है लेकिन अभी भी सैंकड़ों लोग लापता हैं। हजार से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। इस दुर्घटना के बाद हजारों लोगों ने अपने ट्रेन टिकट कैंसिल किए हैं। उन्हें लगता है कि ट्रेन में सफर सुरक्षित नहीं है।”
This is factually incorrect. Cancellations have not increased. On the contrary, cancellations have reduced from 7.7 Lakh on 01.06.23 to 7.5 Lakh on 03.06.23. https://t.co/tn85n03WPn
— IRCTC (@IRCTCofficial) June 6, 2023
कॉन्ग्रेस के इस दावे को भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) ने गलत करार दिया था। बताया था कि कैंसिलेशन में बढ़ोतरी नहीं, बल्कि कमी हुई है। आईआरसीटीसी ने कॉन्ग्रेस के वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा था, “तथ्यात्मक रूप से यह गलत है। कैंसिलेशन में बढ़ोतरी नहीं हुई है। इसके उलट कैंसिलेशन घटा है। 1 जून को 7.7 लाख टिकट कैंसिल हुए थे। वहीं, 3 जून को 7.5 लाख टिकट ही कैंसिल हुए।”