प्रियंका गाँधी और अलका लाम्बा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर अलग-अलग दावे किए हैं। जहाँ कॉन्ग्रेस नेता प्रियंका गाँधी ने CMO की अनुमति के बिना मरीजों को अस्पताल में बेड्स नहीं मिल रहे हैं, वहीं अलका लाम्बा ने सीएम योगी आदित्यनाथ के कोरोना पॉजिटिव होने और कुम्भ को साथ में जोड़ा। आइए, यहाँ देखते हैं कि इन दोनों ही दावों की सच्चाई क्या है और इनके दावों में कितना दम है।
प्रियंका गाँधी ने सोशल मीडिया के माध्यम से दावा किया, “कई जगहों से सूचना आ रही है कि कई गंभीर मरीजों को CMO के पत्र के बिना एडमिट नहीं किया जा रहा। मुख्यमंत्री जी, CMO के पत्र के इंतजार में लोगों की जानें जा रही हैं। कृपया ये नियम बंद कराएँ, लोगों की जान बचाएँ। ऐसी व्यवस्था बनाएँ जिससे कि गंभीर मरीजों का अस्पताल में एडमिशन आसान हो सके।” ब्रजेश मिश्रा जैसे पत्रकारों ने भी इस दावे को आगे बढ़ाया।
कई जगहों से सूचना आ रही है कि कई गंभीर मरीजों को CMO के पत्र के बिना एडमिट नहीं किया जा रहा। मुख्यमंत्रीजी CMO के पत्र के इंतजार में लोगों की जानें जा रही हैं। कृपया ये नियम बंद कराएँ, लोगों की जान बचाएँ।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 19, 2021
ऐसी व्यवस्था बनाएं जिससे कि गंभीर मरीजों का अस्पताल में एडमिशन आसान हो सके
उत्तर प्रदेश के ‘सूचना एवं जनसंपर्क विभाग’ ने इस दावे का खंडन किया है। विभाग ने ‘इन्फो उत्तर प्रदेश फैक्ट चेक’ के जरिए बताया, कोरोना संक्रमित मरीज को इंटीग्रेटेड कोविड एंड कमांड कंट्रोल रूम की मदद से एम्बुलेंस से लेकर टेस्ट और अस्पताल में भर्ती करने की व्यवस्था की जाती है। सरकार ने कहा कि ऐसा कोई नियम ही नहीं है कि कोविड-19 पॉजिटिव मरीज को भर्ती होने के लिए सम्बंधित जिले के ‘चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) से अनुमति पत्र लेना होगा।
दावा: कोविड-19 पॉजिटिव मरीज को भर्ती होने के लिए सम्बंधित जिले के CMO से अनुमति पत्र लेना होगा।#InfoUPFactCheck: कोरोना संक्रमित मरीज को इंटीग्रेटेड कोविड एंड कमांड कंट्रोल रूम की मदद से एम्बुलेंस से लेकर टेस्ट और अस्पताल में भर्ती करने की व्यवस्था की जाती है। pic.twitter.com/LFQdJyZMVM
— Info Uttar Pradesh Fact Check (@InfoUPFactCheck) April 15, 2021
कॉन्ग्रेस की एक अन्य नेता अलका लाम्बा ने योगी योगी आदित्यनाथ की साधुओं के साथ नदी में स्नान करते हुए एक तस्वीर शेयर की और लिखा, “योगी आदित्यनाथ कोरोना पॉजिटिव हुए। ये कौन सी जमात में जाकर आए थे? पूछता है भारत।” उन्होंने कुम्भ की तबलीगी जमात से तुलना वाले नैरेटिव को आगे बढ़ाया। इसके बाद सोशल मीडिया पर कई अन्य लोगों ने भी इस तस्वीर को हरिद्वार कुम्भ 2021 की बताया।
साथ ही अमित शाह की भी ऐसी ही तस्वीर शेयर की गई। जबकि सच्चाई कुछ और ही है। ये तस्वीर फरवरी 2019 की है और स्थान है प्रयागराज। तब प्रयागराज संगम में लगे कुम्भ में इन दोनों ने डुबकी लगाई थी। यानी, ये तस्वीरें भारत में कोरोना का पहला मामला सामने आने के 1 साल पहले की है। फिर भी कॉन्ग्रेस नेता यूपी सीएम को बदनाम करने के लिए इस तरह के तिकड़म चल रहे हैं, जिसकी अब पोल खुल गई है।