1998 में राजस्थान के एक मंदिर से भगवान शिव की एक प्राचीन 4 फीट की मूर्ति चोरी हो गई थी। 2003 में तस्करी के माध्यम से यह लंदन पहुॅंच गई। अब इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को लौटा दिया जाएगा। पत्थर की इस मूर्ति में भगवान शिव नटराज रूप में हैं।
चार फुट की मूर्ति 9वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में राजस्थान की शैली में भगवान शिव का एक दुर्लभ और शानदार चित्रण है। गुर्जर-प्रतिहार वंश ने 8वीं से 11वीं शताब्दी के मध्य तक उत्तर भारत में शासन किया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मूर्ति फरवरी 1998 में राजस्थान के बरौली के घाटेश्वर मंदिर से चुराई गई थी। इसे 2003 में लंदन स्थित भारतीय दूतावास को सौंप दिया गया था। मूर्ति को लाने में लंदन स्थित भारतीय उच्चायुक्त ने अहम भूमिका निभाई है।
चोरी होने के बाद नटराज की इस मूर्ति को विदेश में कहीं बेच दिया गया था। साल 2003 में पता चला कि यह मूर्ति यूनाइटेड किंगडम में तस्करी कर दी गई थी। इस मूर्ति को वहाँ के ही एक व्यक्ति ने अपने निजी कलेक्शन में रख लिया था।
HCI with support of HM Government repatriates to Archeological Survey of India, the 10th Century idol of Lord Shiva – 'Natesh', stolen in 1998 from Ghateshwar Temple, Baroli, Rajasthan. #IndiaUK @TheNehruCentre @DCMS @ASIGoI @authoramish @MEAIndia pic.twitter.com/vr6N770k47
— India in the UK (@HCI_London) July 29, 2020
2017 में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (ASI) ने साबित किया कि ये वही मूर्ति है, जो कि साल 1998 में राजस्थान के घाटेश्वर मंदिर से चुराई गई थी। इस खुलासे के बाद से ही इस मूर्ति को भारत वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
दिलचस्प बात यह है कि इस व्यक्ति ने 2005 में यूनाइटेड किंगडम में भारतीय उच्चायोग को स्वेच्छा से मूर्ति लौटा भी दी थी। भारतीय उच्चायुक्त ने अपने एक बयान में कहा कि वे आने वाले दिनों में भारत की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहरों को देश में वापस लौटाने में अहम भूमिका निभाएँगे।
गौरतलब है कि साल 2019 में लंदन स्थित भारतीय दूतावास की मदद से भारत को दो एंटीक वस्तुएँ लौटाई गईं थीं। इसमें एक 17वीं शताब्दी में बनी कांस्य धातु की कृष्ण मूर्ति थी, और दूसरा द्वितीय शताब्दी में निर्मित चूना पत्थर से बना नक्काशीदार स्तंभ था।