अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर के श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने के बाद 2024 में पहली दीवाली मनाई जाएगी। यह दीवाली विशेष रूप से आयोजित करने की योजना सरकार ने बनाई है। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 28 लाख दीए जलाए जाएँगे।
2024 की दीवाली में अयोध्या में नया कीर्तिमान बनाया जाएगा। इस दिन अयोध्या के सरयू घाटों और मंदिर समेत बाकी जगह 28 लाख दीए जलाए जाएँगे। यह दीए बिछाने के काम चालू हो गया है। इसके लिए वालंटियर लगाए गए हैं। यह काम धनतेरस (29 अक्टूबर, 2024) से पहले ही पूरा जाएगा।
अयोध्या में यह दीए 55 घाटों पर बिछाए जा रहे हैं। इनको जलाने का रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो सके, इसके लिए उनकी एक टीम को भी आमंत्रित किया गया है। यह दीए छोटी दीवाली (30 अक्टूबर, 2024) को जलाए जाएँगे।
इस कार्यक्रम को आयोजित कर रहे वालंटियरों का कहना है कि वह प्राण प्रतिष्ठा के बाद की पहली दीवाली को भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इस काम में 30,000 वालंटियर शामिल हैं। अयोध्या में जलने वाले दीयों के लिए 92 हजार लीटर सरसों का तेल उपयोग किया जाएगा। यह तेल अयोध्या पहुँच भी गया है।
अयोध्या में इन दीयो की निगरानी के लिए पुलिस प्रशासन और सुरक्षाबल भी लगाए गए हैं। वहीं घाटों के अलावा मंदिर परिसर के भीतर भी दीए जलाने का अलग इंतजाम किया गया है। मुख्य प्रांगण के लिए अलग तरह के दीए भी मँगवाए गए हैं।
मंदिर के भीतर जलाने के लिए मँगवाए गए दीए कालिख और धुआं नहीं छोड़ेंगे। इससे मंदिर की दीवालों और पत्थर पर निशान और दाग नहीं पड़ेंगे। यह दीए मोम के बने होंगे। मंदिर के गर्भगृह के लिए अलग तरह के दीए बनवाए गए हैं। यह दीए हाथी के आकार के हैं। इन्हें देशी घी से जलाया जाएगा।
गर्भ गृह के अलावा मंदिर प्रांगण में भी 1 लाख दीए जलाए जाएँगे। यह दीए सरसों के तेल से जलेंगे। दीयों के अलावा मंदिर में फूलों की सजावट भी की गई है। राम मंदिर को 50 कुंतल फूलों से सजाया जा रहा है। इसके साथ ही मंदिर के चारों प्रवेश द्वारों पर तोरण द्वार बन गए हैं। मंदिर को 29 अक्टूबर से अगले 4 दिनों तक खुला रखा जाएगा।