अयोध्या में बनने जा रहा राम मंदिर भूकंप रोधी होगा साथ ही 1000 सालों तक प्राकृतिक आपदाओं का सामना करेगा। राम मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाला पिलर काफी विशाल और मजबूत होगा। ये पिलर जितना जमीन के उपर होंगे उतनी ही गहरी इनकी नींव होगी। ये सभी भूकंप रोधी होंगे। भूकंप का एक भी झटका इनको छू भी नहीं पाएगा।
राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के जनरल सेक्रेटरी चंपत राय ने शुक्रवार (अगस्त 7, 2020) को ये बातें कही। उन्होंने बताया कि राम मंदिर का डिजाइन जल्द बन कर तैयार हो जाएगा। अयोध्या में कारसेवकपुरम में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण कुछ इस तरह होगा कि इस पर किसी प्रकार के कोई प्राकृतिक आपदाओं का असर नहीं होगा। हजारों सालों तक इस पर भूकंप जैसे प्राकृतिक आपदाओं का कोई असर नहीं होगा।
चंपत राय ने बताया कि मंदिर के लिए जिस उच्च तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, उससे ये मंदिर 1000 साल तक आँधी तूफान सहने के बाद भी पूरी तरह सुरक्षित होगा। जिस तरह नदियों का पुल बनता है, उसी तरह नींव के पिलर खड़े होंगे। बस अंतर इतना होगा कि नींव में लोहे का प्रयोग नहीं होगा, बीम पत्थर की बनाई जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि राम भक्तों को राम मंदिर के परिसर में खुदाई में मिले पुरातत्वों के भी दर्शन प्राप्त होंगे।
राम मंदिर निर्माण के लिए जुटाए गए फंड के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि ट्रस्ट अकाउंट में फिलहाल 42 करोड़ रुपए हैं जो लोगों की तरफ से मिले दान हैं। लोगों ने 1 रुपए से लेकर 1 करोड़ तक दान दिए हैं। देश भर से करीब 20,000 संतों ने राम मंदिर आंदोलन में भाग लिया था और ऐसे में हर किसी को भूमिपूजन में आमंत्रित करना संभव नहीं था।
उन्होंने बताया कि राम मंदिर निर्माण का प्रोजेक्ट लार्सन एंड टर्बो कंपनी को दिया गया है। चंपत राय ने कहा, “राम मंदिर निर्माण का मैप अपने अंतिम चरण में है। इस मैप को जल्द ही अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी से पास करा लिया जाएगा।”
पीएम मोदी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “इतने मुश्किल समय में भी चारों तरफ से आलोचना झेलने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या का दौरा किया और राम लला को साष्टांग प्रणाम किया और मंदिर का शिलान्यास किया। पूरे भारत के लोगों ने इस ऐतिहासिक क्षण को सेलिब्रेट किया।”
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर भूमिपूजन के दौरान “सियावर रामचंद्र की जय” से सम्बोधन शुरू किया था। पीएम मोदी ने कहा कि बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुक्त हो गई है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था, तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था।
उन्होंने याद दिलाया कि राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं। कोई काम करना हो, तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं। उन्होंने कहा कि आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए, इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं।