Sunday, September 29, 2024
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कलक्टर के आदेश के बाद अम्बाजी मंदिर में बदल दी गई 500 साल पुरानी परंपरा, गुजरात के अम्बाजी मंदिर के प्रसाद में बदलाव: आक्रोशित हिन्दू संगठनों का अल्टीमेटम

ट्रस्ट के इस फैसले से भक्त और हिंदू संगठन के लोग नाराज हैं। उन्होंने प्रशासन और ट्रस्ट से प्रसाद के रूप में मोहनथाल के वितरण की अपील की है।

गुजरात के बनासकांठा स्थित अंबाजी मंदिर में वितरित किए जाने वाले प्रसाद को बदल दिया गया है। मंदिर ट्रस्ट का यह फैसला भक्तों को पसंद नहीं आ रहा है। देश के 51 शक्तिपीठों में शामिल अंबाजी मंदिर में वर्षों से मोहनथाल प्रसाद का वितरण किया जा रहा था। इसके स्थान पर अब चिक्की के प्रसाद का वितरण किया जा रहा है। हिंदू संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई है और मंदिर ट्र्स्ट को प्रसाद के रूप में मोहनथाल का वितरण करने की अपील की है।

रिपोर्टों के अनुसार, पिछले 500 सालों से अंबाजी मंदिर द्वारा श्रद्धालुओं को बतौर प्रसाद मोहनथाल देने की परंपरा थी। पिछले कुछ दिनों से बनासकांठ कलेक्टर के आदेश पर मंदिर ट्रस्ट द्वारा मोहनथाल प्रसाद के स्थान पर भक्तों को सूखी चिक्की दी जाने लगी। बनासकांठा के कलेक्टर आनंद पटेल ने अनुसार, विदेशी पर्यटक और दूसरे देशों में बसे माता के भक्त सूखे प्रसाद की माँग कर रहे थे। उनका मानना है कि मोहनथाल के तुलना में चिक्की जल्दी खराब नहीं होता। ट्रस्ट ने इसलिए चिक्की का प्रसाद देने का फैसला किया।

ट्रस्ट के इस फैसले से भक्त और हिंदू संगठन के लोग नाराज हैं। उन्होंने प्रशासन और ट्रस्ट से प्रसाद के रूप में मोहनथाल के वितरण की अपील की है। हिंदू हित रक्षा समिति ने प्रसाद में बदलाव का विरोध किया करते हुए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। समिति की तरफ से कहा जा रहा है कि प्रसाद में बदलाव को स्वीकार नहीं किया जाएगा इसके लिए जरूरत पड़ी तो मंदिर भी बंद कराई जा सकती है। कहा जा रहा है कि ट्रस्ट के इस फैसले से विधवा औरतों समेत सैकड़ों ऐसे लोग बेरोजगार हो गए हैं जो मोहनथाल बनाते थे। राज्य की बीजेपी युवा इकाई द्वारा भी अंबाजी मंदिर के प्रसाद में हुए बदलाव का विरोध किया गया है।

बता दें मोहनथाल बेसन की बनी प्रसिद्ध गुजराती बर्फी है। इसे शुद्ध देशी घी से तैयार किया जाता है। अंबाजी को भोग लगने वाले थाल में इसे चढ़ाया जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मंदिर के प्रसाद के लिए बनास डेयरी और अमूल डेयरी को चिक्की बनाने का ठेका देने पर विचार किया जा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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