अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत के साथ भगवान राम के भक्त और भाजपा सदस्यों ने इस बार दक्षिणी भारत के पवित्र शहर रामेश्वरम से अयोध्या राम मंदिर तक एक नए रथयात्रा की शुरू की है।
आर्गेनाइजर की रिपोर्ट के अनुसार, 17 सितंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर रथ यात्रा को रवाना किया गया। इस रथ यात्रा के मायने और रथ यात्रा के मायनों से अलग होगा। यह रथ यात्रा “जय श्री राम” के साथ पीतल का घंटा लेकर जाएगी, जिसका वजन लगभग 613 किलोग्राम है। इसके अलावा अयोध्या में राम मंदिर के लिए इसमें भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान की मूर्तियाँ भी होंगी।
बता दें इस रथ यात्रा को दक्षिण क्षेत्र के भाजपा चुनाव प्रभारी नैनार नागेंद्रन, रामनाथपुरम के जिला अध्यक्ष मुरलीधरन ने 17 सितंबर को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। यह यात्रा अयोध्या पहुँचने से पहले तमिलनाडु और अन्य राज्यों के विभिन्न शहरों से होकर गुजरेगी।
गौरतलब है कि हिंदू पौराणिक कथाओं में रामेश्वरम शहर का एक विशेष महत्व है। यह वह स्थान है जहाँ से भगवान राम और उनकी वानर सेना ने पुल का निर्माण शुरू किया था, जो भारतीय उपमहाद्वीप को श्रीलंका के द्वीप से जोड़ता था। पवित्र स्थल रामेश्वरम में भगवान राम ने पूजा अर्चना और अन्य अनुष्ठान किए थे। इसका एक अलग ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। उत्तरी और दक्षिणी भारत के बीच एक भौगोलिक लिंक के रूप में भी इसे जाना जाता है।
भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियों के साथ 613 किलोग्राम भारी पीतल की घंटी को चेन्नई स्थित लीगल राइट्स ग्रुप की महासचिव राजलक्ष्मी मंधा ने दान किया है। मूर्तियों और घंटा को पीतल की धातु से बनाया गया है। मूर्तियों और घंटा को अयोध्या ले जाने के लिए रथ को बेहद खूबसूरती से सजाया गया है। साथ ही यात्रा की शुरुआत से पहले रामेश्वरम में रामनाथ मंदिर के सामने इसकी विशेष पूजा भी की गई।
इसके अलावा 600 किलोग्राम वजनी एक और पीतल का घंटा एराल रामकृष्ण नादर बर्तन व्यापारी की दुकान पर तैयार की जा रही है। इसी तरह आंध्र प्रदेश और अन्य राज्यों से भी अयोध्या के राम मंदिर में घंटे लगाए जाएँगे।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भाजपा अध्यक्ष रहे लालकृष्ण आडवाणी द्वारा भी इसी तरह की रथ यात्रा निकाली गई थी, जो तमिलनाडु में कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक शुरू हुई थी। इस यात्रा को रामजन्मभूमि स्थल पर राम मंदिर के निर्माण की माँग को लेकर निकाला गया था। जिसे मुगल आक्रमणकारियों द्वारा तोड़ कर बाबरी मस्जिद में तब्दील कर दिया गया था।
हालाँकि, इस बार यह रथ यात्रा अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह के पूरा होने के बाद निकाली गई है। यह यात्रा मंदिर के आधिकारिक निर्माण का प्रतीक है। पीएम मोदी ने इस साल 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी थी। लंबे समय से चले आ रहे विवाद को सुलझाते हुए पिछले साल सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऐतिहासिक फैसला देते हुए हिंदुओं को जन्मभूमि में भगवान राम के मंदिर निर्माण की अनुमति दी गई थी।