Sunday, December 22, 2024
Homeविविध विषयमनोरंजनखुद को नहीं मानते हिन्दू, ना ही भारत को राष्ट्र: मिलिए 'लाल सिंह चड्ढा'...

खुद को नहीं मानते हिन्दू, ना ही भारत को राष्ट्र: मिलिए ‘लाल सिंह चड्ढा’ के लेखक से, 14 दिनों में लिख डाली थी रीमेक की स्क्रिप्ट

अतुल कुलकर्णी भी भारत को लेकर वही सोच रखते हैं, जो कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी की है। अतुल कुलकर्णी ने 17 जुलाई, 2018 को किए अपने ट्वीट में लिखा था कि भारत राज्यों का एक संघ है।

आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ के लेखक हैं अतुल कुलकर्णी, जिनका कहना है कि उन्होंने मात्र 14 दिनों में ‘फॉरेस्ट गम्प’ के इस रीमेक की स्क्रिप्ट लिख डाली। दुनिया भर में शोहरत बटोरने वाली टॉम हैंक्स की फिल्म की कहानी कॉपी करने के बाद ‘पैरामाउंट पिक्चर्स’ से उसके राइट्स खरीदने में 10 साल लग गए। अतुल कुलकर्णी का कहना है कि आमिर खान ने 2 साल तक उनकी कहानी पढ़ी ही नहीं और बाद में कहा कि तुम लेखक नहीं हो।

अतुल कुलकर्णी के कुछ ट्वीट्स भी वायरल हो रहे हैं, जिसके बाद ‘लाल सिंह चड्ढा’ के बॉयकॉट की माँग और तेज़ हो गई है। दरअसल, अतुल कुलकर्णी भी भारत को लेकर वही सोच रखते हैं, जो कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी की है। अतुल कुलकर्णी ने 17 जुलाई, 2018 को किए अपने ट्वीट में लिखा था कि भारत राज्यों का एक संघ है और इसके गठन के समय ही इसकी राजनीतिक संरचना में इस चीज का ध्यान रखते हुए इसे लागू किया जाना चाहिए था।

याद कीजिए, यही बात राहुल गाँधी ने लंदन में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में कही थी। अभिनेता अतुल कुलकर्णी खुद को हिन्दू भी नहीं मानते। विभिन्न भाषाओं की कई फिल्मों और वेब सीरीज में अभिनय कर चुके एक्टर का कहना है कि वो हिन्दू नहीं हैं। उन्होंने खुद को नास्तिक घोषित कर रखा है। एक बार उन्होंने तंज कसा था कि धार्मिक संगठन नास्तिकों के खिलाफ हैं, ऐसे में क्या इसे अपराध घोषित करने के लिए अदालत में याचिका डाली जाएगी?

साथ ही उन्होंने एक यूजर से पूछा था कि तुम्हें ऐसा क्यों लगता है कि मैं हिन्दू हूँ? उनका ये ट्वीट दिसंबर 2013 में किया था और साथ ही ये मानने से भी इनकार कर दिया था कि हिंदुस्तान में ‘हिन्दू’ शब्द का अर्थ हिन्दू धर्म को लेकर है। 1994 में रिलीज हुई ‘फॉरेस्ट गम्प’ की कहानी कॉपी कर लिखने वाले अतुल कुलकर्णी मेधा पाटकर के आंदोलन में भी आमिर खान के साथ सक्रिय रह चुके हैं। 2006 में ‘रंग दे बसंती’ फिल्म के समय आमिर खान और अतुल कुलकर्णी ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ में धरना देने पहुँचे थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘गृहयुद्ध छेड़ना चाहते हैं राहुल गाँधी’: कॉन्ग्रेस नेता को 7 जनवरी को बरेली की कोर्ट में हाजिर होने का आदेश, सरकार बनने पर जाति...

राहुल गाँधी ने अपनी पार्टी का प्रचार करते हुए कहा था कि यदि कॉन्ग्रेस केंद्र में सरकार बनाती है, तो वह वित्तीय और संस्थागत सर्वेक्षण करेगी।

कानपुर में 120 मंदिर बंद मिले: जिन्होंने देवस्थल को बिरयानी की दुकान से लेकर बना दिया कूड़ाघर… वे अब कह रहे हमने कब्जा नहीं...

कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय ने एलान किया है कि सभी मंदिरों को कब्ज़ा मुक्त करवा के वहाँ विधि-विधान से पूजापाठ शुरू की जाएगी
- विज्ञापन -