Confederation Of All India Traders (CAIT) नाम का एक संगठन है। इसने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिख कर कलर्स टीवी के शो ‘बोग बॉस’ पर बैन लगाने की माँग की है। कॉन्फ़ेडरेशन ने केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में इस ‘बेहूदा’ शो के माध्यम से फैलाई जा रही ‘अश्लीलता’ की तरफ़ ध्यान आकृष्ट कराया है। पत्र में कहा गया है कि इस शो के कारण कलर्स चैनल को पारिवारिक माहौल में घर में देखना मुश्किल हो गया है। आरोप लगाया गया है कि सलमान ख़ान द्वारा होस्ट किया जाने वाला ‘बिग बॉस’ का 13वाँ सीजन देश की पारम्परिक और सांस्कृतिक मूल्यों को कलंकित कर रहा है।
कॉन्फ़ेडरेशन ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न सिर्फ़ भारत बल्कि पूरी दुनिया में देश के सांस्कृतिक मूल्यों की बात करते हैं, इसीलिए इस शो को तुरंत बैन किया जाना चाहिए क्योंकि इससे भारत की ग़लत छवि पेश हो रही है। इस पत्र में लिखा गया है कि ‘बिग बॉस’ बिना शक हमेशा से विवादित कार्यक्रम रहा है और हमारे देश के नैतिक मूल्यों को नुकसान पहुँचाता रहा है। कॉन्फ़ेडरेशन को मुख्य आपत्ति शो के नए कॉन्सेप्ट ‘बेड फ्रेंड फॉरएवर’ से है। इसके तहत दो लोगों को एक बेड पर सोने का टास्क दिया जाता है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी , टीवी शो #BiggBoss13 पर खुले आम बेहद अश्लीलता का प्रदर्शन हो रहा है । पारिवारिक माहौल ख़राब हो रहा है । शो में नैतिक मूल्यों का कोई स्थान नहीं है । ऐसे शो पर अविलंब पाबंदी लगनी चाहिए । @PrakashJavdekar #Boycott_BigBoss #BoycottBigBoss
— Praveen Khandelwal (@praveendel) October 6, 2019
ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने इसे टीवी की दुनिया के लिए निंदनीय बताया है। उसने इस बात पर आपत्ति जताई है कि इसे ‘प्राइम टाइम’ में प्रसारित किया जाता है और यह रात का वो समय होता है जब परिवार के सभी लोग, यहाँ तक कि बच्चे भी टीवी देख रहे होते हैं। ‘कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स’ ने केंद्रीय मंत्री को भेजे गए पत्र में लिखा है:
“कलर्स पर आने वाले ‘बिग बॉस’ के 13वें सीजन ने नैतिकता के सभी मूल्यों को ताक पर रखते हुए हद पार कर दी है। न सिर्फ़ शो बल्कि शो में दिए जा रहे अलग-अलग टास्क भी मानवीय और सांस्कृतिक मूल्यों के ख़िलाफ़ हैं। इस शो के कंटेंट्स काफ़ी ओछे हैं और इसे एक ऐसे नेशनल टीवी चैनल पर प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए, जिसे घर-घर में देखा जाता हो। जब फ़िल्मों को सेंसर बोर्ड से पास कराना अनिवार्य होता है तो फिर टीवी कार्यक्रमों को प्रसारण से पहले सेंसर बोर्ड की अनुमति क्यों नहीं लेनी होती? अगर सेंसर बोर्ड से अनुमति ली जाती है तो फिर ऐसे अश्लील और ओछे कंटेंट को पास कैसे किया गया?”
कॉन्फ़ेडरेशन ने आरोप लगाया कि आज़ादी की आड़ में उन सिद्धांतों से समझौता किया जा रहा है, जो हमारे देश में निहित है। पत्र में माँग की गई है कि इस शो को या तो तुरंत बंद किया जाए या फिर इसे तभी प्रसारण की अनुमति दी जाए, जब इसमें से अश्लील कंटेंट्स हटा लिए जाएँ।