सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद सामने आ रहा है कि उनके करियर पर किस तरह से सुनियोजित ढंग से ग्रहण लगाया जा रहा था। केवल 6 महीने में ही एक के बाद एक कर के उनसे 7 फ़िल्में छीन ली गई थीं। एक उभरते हुए अभिनेता के लिए ये काफ़ी बड़ा झटका था। अब हमें उन तीन बड़ी फिल्मों के बारे में पता चला है, जिनमें सुशांत सिंह राजपूत को लिए जाने की चर्चा थी लेकिन बाद में नेपोटिज्म और गुटबाजी कारण अन्य सितारों की झोली में चली गई।
सबसे पहले बात ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ की, जो मई 2017 में रिलीज हुई थी। फिल्म ने काफी अच्छा कारोबार किया था और इससे अर्जुन कपूर और आलिया भट्ट को अच्छी-ख़ासी चर्चा मिली थी। दोनों ही बॉलीवुड के प्रभावशाली परिवारों से आते हैं। ख़ुद चेतन भगत ने 2015 में ट्वीट कर के कहा था कि सुशांत उनकी पुस्तक पर आधारित फिल्म में लीड अभिनेता होंगे। फिर ऐसा क्या हुआ कि उनकी जगह बोनी कपूर के बेटे अर्जुन को ले लिया गया?
इसके बाद बात ‘फितूर’ की, जिसमें अजय देवगन ने गेस्ट रोल भी किया था। इसमें भी आदित्य रॉय कपूर ने लीड रोल निभाया लेकिन क्या आपको पता था कि इससे पहले इसमें सुशांत सिंह राजपूत को लिए जाने की चर्चा थी। बाद में ख़बर आई कि आदित्य को सुशांत की जगह ले लिया गया है। बता दें कि आदित्य रॉय कपूर यूटीवी के मालिक सिद्धार्थ रॉय कपूर के भाई और विद्या बालन के देवर हैं। वो भी पॉवरफुल परिवार से आते हैं।
Bollywood full of Hypocrites.
— R O H A N (@iam_shimorekato) June 24, 2020
These films were taken from Sushant Singh Rajput: Fitoor, Half Girlfriend, Befikre pic.twitter.com/tm6nlG2aQ4
तीसरी बड़ी फिल्म जो उनसे छीन ली गई, वो यशराज फिल्म्स की ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक थी निर्देशक ख़ुद आदित्य चोपड़ा ने किया था। ‘बेफिक्रे’ के अलावा उन्होंने अब तक DDLJ, ‘मोहब्बतें’ और ‘रब ने बना दी जोड़ी’ का ही निर्देशन किया था और सब में शाहरुख़ खान ही थे। ‘बेफिक्रे’ में एन वक़्त पर सुशांत की जगह रणवीर सिंह को ले लिया गया। फिल्म ने कमाई भी अच्छी की और मीडिया द्वारा उन्हें पूरा अटेंशन भी मिला था।
हाल ही में शेखर कपूर ने भी सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के मामले में न्याय के लिए आवाज़ उठाते हुए कहा है कि कई लोगों की तरह उनके भी दिल से आवाज़ उठ रही है कि सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में जो दिख रहा है, सच्चाई उससे कहीं परे हैं। शेखर सुमन ने गुटबाजों पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि फिल्म इंडस्ट्री के सारे शेर बनने वाले कायर सुशांत के चाहने वालों के कहर से चूहे बन कर बिल में घुस गए हैं, उनके मुखौटे गिर गए हैं।
इसी तरह फिल्म निर्देशक अभिषेक कपूर ने खुलासा किया है कि ‘केदारनाथ’ की रिलीज के बाद मीडिया ने सारा अली ख़ान को तो सिर-आँखों पर बिठा लिया था, लेकिन सुशांत सिंह राजपूत को नकार दिया था, जिससे वो बुझे-बुझे से रहते थे। इस फिल्म के डायरेक्टर अभिषेक ही थे। उन्होंने ही सुशांत की लॉचिंग फिल्म ‘काई पो चे’ को भी डायरेक्ट किया था। कपूर ने बताया कि मीडिया द्वारा इस तरह का भेदभाव किए जाने के कारण सुशांत अंदर से बुझे-बुझे से रहते थे।