Friday, November 8, 2024
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₹1 हर्जाना वसूलने बॉम्बे हाईकोर्ट पहुँच गया छोटा राजन, पत्रकार की हत्या पर बनी वेब सीरीज से जुड़ा है मामला: गैंगस्टर ने SCOOP को बताया पर्सनालिटी राइट्स का उल्लंघन

ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता रवि कदम और एडवोकेट हिरेन कामोद ने कहा कि यह मुकदमा चलने योग्य नहीं है। उन्होंने वादी को पहले सीरीज देखने के लिए कहा और फिर याचिका दायर करने के लिए कहा। इसके बाद अदालत ने वादी को अपनी याचिका में संशोधन करने की अनुमति दी और प्रतिवादियों को अपना जवाब देने का समय दिया है।

दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर राजेंद्र निकल्जे उर्फ छोटा राजन (Chhota Rajan) ने वेब सीरीज ‘स्कूप’ के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) में याचिका दायर की है। उसने ‘स्कूप’ के प्रोड्यूसर और फिल्ममेकर्स के खिलाफ मानहानि, निजी अधिकारों और बौद्धिक संपदा के उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए हर्जाने के रूप में 1 रुपए की माँग की है।

हालाँकि, बॉम्बे उच्च न्यायालय ने शुक्रवार (2 जून 2023) को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स को गैंगस्टर छोटा राजन के मुकदमे पर आधारित ‘स्कूप’ सीरीज को हटाने का निर्देश देने से इनकार कर दिया। वेब सीरीज ‘स्कूप’ शुक्रवार (2 जून 2023) को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है। कोर्ट की अवकाश कालीन एक पीठ ने शुक्रवार (2 जून 2023) को उसकी याचिका पर सुनवाई की।

जस्टिस शिवकुमार डिगे ने कहा कि यह वेब सीरीज प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो गई है। इसलिए इस मामले को अगले सुनवाई पर देखा जाएगा। अदालत ने छोटा राजन को यह बताने के लिए अपने मुकदमे में संशोधन करने की अनुमति दी कि यह मामला कैसे बौद्धिक संपदा अधिकारों का है। इस पर बुधवार (7 जून 2023) को सुनवाई होगी।

राजन ने अपनी याचिका में कहा कि मई 2023 में उसकी पत्नी ने सीरीज के ट्रेलर के बारे में उसे बताया था। इसमें उसकी सहमति के बिना मानहानि के साथ उसके निजी अधिकारों का उल्लंघन किया गया है। उसने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि इस वेब सीरीज के फिल्ममेकर्स को उसने अपने नाम, छवि, आवाज और उससे संबंधित अन्य चीजों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी थी।

राजन का कहना है कि इस वेब सीरीज में दिखाई गई जानकारी गलत, झूठ और भ्रामक है। केवल उसके नाम, छवि और अन्य चीजों का दुरुपयोग कर जनता के बीच सनसनी पैदा करने और उसके जरिए लाभ कमाने के लिए ऐसा किया गया है।

‘स्कूप’ वेब सीरीज जाने-माने क्राइम रिपोर्टर ज्योतिर्मय डे की मौत के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनकी 11 जून 2011 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में राजन के साथ 11 अन्य आरोपितों पर केस दर्ज किया गया था और गैंगस्टर को दोषी ठहराया गया था। आरोपितों में से एक पत्रकार जिग्ना वोरा को इस मामले में बरी कर दिया गया था।

छोटा राजन का कहना है कि ट्रेलर में उसे डे की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता के रूप में दिखाया गया है। उसने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि सजा के खिलाफ एक अपील बॉम्बे हाईकोर्ट में लंबित थी। इसलिए ट्रायल कोर्ट की सजा का इस्तेमाल उसके खिलाफ नहीं किया जा सकता था।

राजन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर देसाई ने तर्क दिया कि राजन की छवि पर कॉपीराइट है। उन्होंने कहा, “क्या आप उन्हें इस तरह से पूरी दुनिया के सामने दोषी के रूप में दिखा सकते हैं? सेलिब्रिटी के भी अधिकार हैं। एक सेलिब्रिटी सिर्फ एक बॉलीवुड सेलिब्रिटी ही नहीं होता है, यह एक प्रसिद्ध व्यक्ति भी हो सकता है। लाखों लोग इसे देख रहे होंगे। यह उनकी अपील को प्रभावित करेगा।”

वहीं, ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता रवि कदम और एडवोकेट हिरेन कामोद ने कहा कि यह मुकदमा चलने योग्य नहीं है। उन्होंने वादी को पहले सीरीज देखने के लिए कहा और फिर याचिका दायर करने के लिए कहा। इसके बाद अदालत ने वादी को अपनी याचिका में संशोधन करने की अनुमति दी और प्रतिवादियों को अपना जवाब देने का समय दिया है।

राजन ने नेटफ्लिक्स और प्रोड्यूसर्स को सीरीज पर रोक लगाने के के लिए लीगल नोटिस भी भेजा था। लेकिन नेटफ्लिक्स ने ऐसा करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उसने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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