Saturday, November 16, 2024
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‘शिक्षित महिलाओं के दोहरे मानदंड होते हैं’: जया बच्चन ने बेटी श्वेता और नातिन नव्या नवेली से कहा- महिलाएँ अपनी दुश्मन खुद होती हैं

जया बच्चन ने कहा, "मुझे लगता है कि हमने शायद ऐसा मान चुके हैं कि विदेशी कपड़े महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार देते हैं, जबकि मैं चाहती हूँ कि महिला नारीशक्ति का प्रदर्शन करें। मैं यह नहीं कहती कि जाइए साड़ी पहनिए, लेकिन विदेशों में भी महिलाएँ ड्रेस पहनती हैं। यह सारा बदलाव तब आया, जबसे महिलाओं ने पैंट पहनना शुरू किया है।"

बॉलीवुड की पूर्व अभिनेत्री और राज्यसभा सांसद जया बच्चन (Jaya Bachchan) ने अपनी नातिन नव्या नवेली (Navya Naveli) के साथ पॉडकास्ट का नया एपिसोड जारी किया है। इसमें जया बच्चन की कहा कि पढ़ी-लिखी महिलाओं के दोहरे मानदंड होने हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएँ अपनी दुश्मन खुद होती हैं।

नव्या नवेली नंदा का पॉडकास्ट ‘What is Hell (व्हाट द हेल)’ हर शनिवार को एक नया एपिसोड लेकर आता है। इसमें अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन, बेटी श्वेता बच्चन और नातिन नव्या नवेली नंदा विभिन्न विषयों जैसे कि वित्त, पालन-पोषण, रिश्ते और बहुत कुछ के बारे में खुलकर बात करती हैं।

‘वन क्राउन, कई शूज’ नाम के शीर्षक वाले हालिया एपिसोड में बच्चन परिवार की महिलाओं ने सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बात की। शो के अंतिम सेगमेंट में नव्या ने भेदभाव पर सवाल उठाया और बेटियों की तुलना में बेटों को अलग तरह से पाले जाने की बात कही। तब जया बच्चन ने कहा कि शिक्षित महिलाओं के भी दोहरे मानदंड होते हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएँ अपनी दुश्मन खुद हैं।

पॉडकास्ट में नव्या ने कहा कि जिस तरह लोग अपनी बेटियों की परवरिश करते हैं, उसी तरह बेटों की परवरिश कैसे करनी चाहिए। इस बीच जया बच्चन ने कहा कि यह देखना दुखद है कि शिक्षित महिलाओं के भी दोहरे मापदंड होते हैं और ये महिलाएँ अपनी ही दुश्मन हैं।

उन्होंने कहा, “शिक्षित महिलाओं के भी दोहरे मापदंड होते हैं, जो बहुत दुखद है। मैं इसे कभी-कभी कहना चाहती हूँ, लेकिन यह कहना अच्छा नहीं लगता। लेकिन, महिलाएँ अपनी खुद की दुश्मन हैं।” उन्होंने कहा कि बच्चों की परवरिश सिर्फ एक माँ की ही नहीं, बल्कि पिता की भी जिम्मेदारी होती है।

इस एपिसोड के शुरू में श्वेता बच्चन ने कहा कि महिलाओं को अन्य महिलाओं के लिए अच्छा और अधिक सहायक होने की आवश्यकता है। जया बच्चन ने कहा कि वह नव्या के लिए बहुत अच्छी हैं। उन्होंने कहा, “मैं हमेशा दूसरी महिलाओं की मदद करती हूँ और हमेशा उनके लिए बोलती हूँ। अब माँ-बेटी के बारे में बात नहीं करते हैं।”

श्वेता ने कहा, “मेडेलीन के अलब्राइट एक उदाहरण हैं। नरक में उन महिलाओं के लिए एक विशेष स्थान है, जो अन्य महिलाओं की मदद नहीं करती हैं। दान घर से शुरू होना चाहिए, माँ!” इसके बाद नव्या ने अपनी माँ श्वेता से कहा, “तुम्हारे साथ भी ऐसा ही है।” जया बच्चन ने कहा कि श्वेता नव्या को अपना ‘पंचिंग बैग’ मानती हैं। श्वेता ने कहा कि नव्या को नहीं पता कि कब चुप रहना है या कब किसी का मूड खराब है।

इस दौरान नव्या नवेली नंदा ने भारत की महिलाओं के फैशन सेंस पर भी अपनी बात रखी। जया बच्चन ने कहा है कि उन्हें समझ में नहीं आता कि भारतीय कपड़ों की जगह वेस्टर्न कपड़ों को लोग तवज्जो क्यों देते हैं।

जया बच्चन ने कहा, “मुझे लगता है कि हमने शायद ऐसा मान चुके हैं कि विदेशी कपड़े महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार देते हैं, जबकि मैं चाहती हूँ कि महिला नारीशक्ति का प्रदर्शन करें। मैं यह नहीं कहती कि जाइए साड़ी पहनिए, लेकिन विदेशों में भी महिलाएँ ड्रेस पहनती हैं। यह सारा बदलाव तब आया, जबसे महिलाओं ने पैंट पहनना शुरू किया है।”

इस पर जया बच्चन की बेटी श्वेता बच्चन कहती हैं, “पैंट पहनने से महिलाओं को आने-जाने में सुविधा होती हैं और कामकाज करने में भी सुगमता होती है। हम सरलता से कहीं भी आ-जा सकती हैं। यह बहुत ही सरल होता है कि आप पैंट और टी-शर्ट पहन लें, बजाय इसके की आप साड़ी का पल्लू ठीक करती रहे।”

इस दौरान नव्या नवेली नंदा ने कई महिला सीईओ के बारे में बात कीं, जो साड़ी पहनना पसंद करती हैं। इस पर जया बच्चन ने कहा कि वे इसलिए ऐसा करती हैं, क्योंकि वे सब अपने दम पर बनी हैं और उन्हें अपने ऊपर पूरा विश्वास है। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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