बॉलीवुड के वरिष्ठ फ़िल्म निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट की दूसरी बीवी सोनी राज़दान ने संसद भवन पर हमले के दोषी आतंकी अफ़ज़ल गुरु को लेकर विवादित बयान दिया है। सोनी राजदान ने अफजल गुरु का एक बयान शेयर किया, जिसमे उसने डीएसपी देवेंद्र पर गंभीर आरोप लगाया था। बकौल अफजल, देवेंद्र ने उससे कहा था कि उसे उनके लिए एक छोटा सा काम करना पड़ेगा। बता दें कि हाल ही में डीएसपी देवेंद्र सिंह को हिज़्बुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकियों के साथ गिरफ़्तार किया गया, जिसे वो अपनी गाड़ी में लिफ्ट दे रहे थे। सोनी राज़दान ने अफजल गुरु के उस बयान को शेयर किया, जिसमें उसने देवेंद्र सिंह पर टॉर्चर करने के आरोप लगाए थे।
सोनी राज़दान ने तो यहाँ तक अंदेशा जताया कि आतंकी सरगना अफजल गुरु निर्दोष था। फ़िल्म अभिनेत्री आलिया भट्ट की माँ सोनी राज़दान ने अफजल गुरु के प्रति सहानुभूति जताते हुए कहा कि मरे हुए आदमी को कौन वापस ला सकता है, अगर वो निर्दोष निकला तो? राजदान ने सज़ा-ए-मौत का विरोध करते हुए लिखा कि फाँसी की सज़ा को हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने अफजल गुरु को ‘बलि का बकरा’ बनाए जाने का आरोप लगाते हुए इस मामले में उच्च-स्तरीय जाँच की माँग की। उन्होंने आरोप लगाया कि ये न्याय का मज़ाक है।
सोनी राज़दान के इस बयान का सोशल मीडिया पर ख़ूब विरोध हुआ। जेएनयू में भी ‘अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे क़ातिल ज़िंदा हैं’ जैसे नारे लग चुके हैं। बता दें कि अफजल गुरु को पूरी क़ानूनी प्रक्रिया ख़त्म होने के बाद ही फाँसी दी गई थी। विशेष अदालत ने उसे-दिसंबर 2002 में सज़ा-ए-मौत दी थी, जिसे दिल्ली हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2003 में सही ठहराया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा। देश की शीर्ष अदालत ने अगस्त 2005 में अफजल गुरु की सज़ा को बरकरार रखा। इसी मामले में समीक्षा याचिका भी दायर की गई, जिसे खारिज कर दिया गया।
This is a travesty of justice. Who is going to bring back a man from the dead if he is innocent. This is why the death penalty is not to be used lightly. And this is why there also needs to be a solid enquiry into why Afzal Guru was made the scapegoat https://t.co/UUVV2Z9UGU
— Soni Razdan (@Soni_Razdan) January 21, 2020
अंततः अफजल गुरु ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी। मानवाधिकार की बात करने वाले संगठनों ने अफजल गुरु को बचाने के लिए व्यापक अभियान चलाया लेकिन फ़रवरी 2013 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उसकी दया याचिका खारिज कर दी। इसके लगभग एक सप्ताह बाद उसे फाँसी पर लटका दिया गया। कई फ़िल्मों में काम कर चुकीं सोनी राज़दान का ये बयान चौंकाने वाला है।