साल 2022 में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली फिल्म द कश्मीर फाइल्स और केजीएफ-2 को लेकर बॉलीवुड निर्देशक राम गोपाल वर्मा ने टिप्पणी की है। राम गोपाल वर्मा ने केजीएफ-2 के बारे में कहा कि ये फिल्म बॉलीवुड के बड़े निर्देशकों से आधे घंटे से ज्यादा नही झिल पाई। वहीं द कश्मीर फाइल्स को लेकर वह बोले कि ये फिल्म अब तक सबसे धीमी फिल्म बनाई गई।
बॉलीवुड हंगामा से बात करते हुए राम गोपाल वर्मा ने कहा, “दो फिल्म जिन्होंने सबकुछ गड़बड़ किया- KGF-2 और द कश्मीर फाइल्स हैं। इनमें KGF-2 तो ऐसी है जिसे बॉलीवुड में किसी ने पसंद नहीं किया। यही वजह है कि जब आपको फिल्म नहीं पसंद आती तो आप सोचते हैं कि इसके कामयाबी के पीछे क्या कारण है।”
उन्होंने कहा, “एक बहुत बड़े डायरेक्टर ने मुझसे कहा था- ‘रामू, मैंने ये फिल्म 5 बार देखने की कोशिश की, लेकिन आधे घंटे से ज्यादा नहीं देख पाया।” वर्मा कहते हैं, “आप KGF-2 को पसंद करें या न करें लेकिन आप इसकी कामयाबी को नजरअंदाज नहीं कर सकते। केजीएफ चैप्टर-2 बॉलीवुड पर मंडराते भूत जैसा है।”
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि उन्हें फिल्म पसंद नहीं आई लेकिन उन्हें फिल्म देख हैरानी हुई। फिल्म निर्माता- फिल्म बनाने से पहले लॉजिक ढूँढते हैं, लेकिन जब केजीएफ-2 जैसी तर्कहीन फिल्म सारे रिकॉर्ड तोड़े, तब क्या कर लेंगे।
द कश्मीर फाइल्स सबसे स्लो फिल्म: राम गोपाल वर्मा
द कश्मीर फाइल्म पर बात करते हुए वह बोले, “ये फिल्म कम नहीं है। इसे एक गुमनाम डायरेक्टर ने बनाया जिसे बॉलीवुड में लोग गंभीरता से नहीं लेते। अनुपम खेर ही इस फिल्म का सबसे जाना-माना चेहरा थे। इसके बावजूद ये फिल्म 250 करोड़ रुपए कमा ले गई।”
वर्मा ने द कश्मीर फाइल्स को लेकर कहा, “ये फिल्म अब तक की सबसे धीमी फिल्म थी। फिल्म निर्माताओं के रूप में हमने अब तक जो कुछ बनाया, ये उसके विपरीत थी। इसमें कोई कहानी नहीं, कोई पहला-दूसरा स्क्रीनप्ले नहीं, कोई इंटरवल और कोई क्लाइमैक्स नहीं। लेकिन लोग फिर भी इसके लिए पागल हो रहे थे। मुझे नहीं लगता कि बीते 20 सालों में कोई फिल्म इतनी गंभीरता से देखी गई जितनी द कश्मीर फाइल्स को लोगों ने देखा।”
इसी तरह राम गोपाल वर्मा ने RRR पर कहा, “मैंने राजमौली को कहा कि RRR मेरे लिए एक सर्कस जैसी है। गलत ढंग में नहीं। सर्कस को लोग जोकर की वजह से याद रखते हैं। पर हकीकत में वहाँ बहुत कुछ होता है। RRR में जब राम चरण और जूनियर एनटीआर ने जब बच्चे को बचाया, तो मुझे जंगली सर्कस की याद आई, उसमें लोग इसी तरह रस्सी से लटक इधर-उधर जाते हैं।”