बॉलीवुड एक्टर रणबीर कपूर और एक्ट्रेस आलिया भट्ट आज (14 अप्रैल, 2022) शादी के बँधन में बँधने वाले हैं। कपल की मेहंदी, हल्दी, प्री-वेडिंग सेरेमनी पहले ही हो चुकी है। बताया जा रहा है कि उनकी शादी हिंदू परंपराओं से होगी। हालाँकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि ‘कन्यादान’ होगा या नहीं। याद दिला दें कि आलिया भट्ट ने पिछले साल मान्यवर ब्रांड के एक विज्ञापन में कन्यादान को पिछड़ी सोच बताया था।
आलिया भट्ट के पिता, महेश भट्ट की माँ शिरीन मोहम्मद अली मुस्लिम थीं, तो वहीं पिता नानाभाई भट्ट गुजराती ब्राह्मण थे। इस तरह से महेश भट्ट मुस्लिम और गुजराती ब्राह्मण दोनों ही हैं। ऐसे में यह साफ नहीं है कि शादी में इस्लामिक रीति-रिवाजों का पालन किया जाएगा या नहीं। इसी तरह, आलिया की माँ, सोनी राजदान कश्मीरी हिंदू होने के साथ-साथ ईसाई भी हैं। उनके पिता नरेंद्र नाथ राजदान कश्मीरी पंडित हैं तो वहीं उनकी माँ गर्ट्रूड होलज़र ब्रिटिश-जर्मन हैं। फिलहाल इस बात को लेकर भी कोई स्पष्टता नहीं है कि शादी के दौरान कोई ईसाई रस्म निभाई जाएगी या नहीं।
दोनों की प्री-वेडिंग सेरेमनी रणबीर के पाली हिल स्थित आवास पर हुई। समारोह में करीना कपूर खान, करिश्मा कपूर और करण जौहर समेत तमात हस्तियाँ मौजूद थीं। रणबीर कपूर की माँ नीतू कपूर ने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी पोस्ट की थी जिसमें उन्होंने अपनी मेहंदी में दिवंगत पति ऋषि कपूर का नाम लिखवाया है।
इस बीच खबर आ रही है कि रणबीर कपूर जल्द ही सोशल मीडिया पर डेब्यू कर अपने फैंस को सरप्राइज देंगे। ये सरप्राइज एक खास वीडियो मैसेज होगा। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक होने वाली पत्नी आलिया ने उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ज्वाइन करने के लिए मना लिया है। बता दें कि रणबीर कपूर ऐसे बॉलीवुड स्टार हैं, जो सालों से सोशल मीडिया से दूर हैं। ऐसे में उनका सोशल मीडिया पर कदम रखना फैंस के लिए किसी तोहफे से कम नहीं होगा।
बेटियों को धन/ संपत्ति माना जाता है
गौरतलब है कि पिछले साल कपड़ों के ब्रांड मान्यवर के एड में आलिया भट्ट ने बताया था कि कैसे कन्यादान करना पिछड़ेपन को दिखाता है, जबकि कन्यामान एक बढ़िया विकल्प है। हालाँकि विवादों के बाद मान्यवर को अपना विज्ञापन वापस लेना पड़ा था। लेखक नित्यानंद मिश्रा ने तमाम भ्रांतियों को तोड़ते हुए धन का अर्थ समझाया, जो कि संस्कृति शब्दकोष से आता है। किताब के मुताबिक धन का अर्थ समृद्धि के अलावा वह भी होता है जो कि सबसे प्रिय हो या जिसे मूल्यवान माना जाए। वह कहते हैं, सनातन धर्म में केवल बेटियों को ही नहीं बेटों को भी धन माना गया है। इसे पुत्र धन भी कहा जाता है। उन्होंने संस्कृत श्लोक के जरिए समझाया कि सनातन धर्म में विद्या को भी धन कहा गया। “विद्याधनं सर्व धनं प्रधानम्” अर्थाथ विद्या का धन एक ऐसी मूल्यवान चीज है जो किसी को भी दी जा सकती है।
एड में जैसे हिंदू परंपरा को पिछड़ा दिखाया गया और यह बताने की कोशिश की गई कि लड़कियों को हमेशा से शादी के समय दान की तरह दिया जाता रहा, जबकि मिश्रा के मुताबिक दान की तुलना धन से नहीं होनी चाहिए। सनातन में ‘दान’ की अवधारणा ज्ञान से लेकर जीवन तक व्याप्त है जिसे क्रमशः ‘विद्यादान’ या ‘जीवन दान’ के नाम से जाना जाता है। ‘कन्यादान’ की अवधारणा को उजागर करते हुए, मिश्रा ने ‘पुत्रदान’ की अवधारणा के बारे में भी बताया। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाने के लिए महाभारत के महाकाव्य के एक श्लोक का भी हवाला दिया।
ग्रंथों के अनुसार, कन्यादान अनुष्ठान के समय किए गए मंत्र, जप और अन्य रस्में दुल्हन को लक्ष्मी के रूप में दर्शाती हैं। दुल्हन के पिता द्वारा अपनी बेटी को नारायण (दूल्हे) को सौंपा जाता है और माना जाता है कि वह अपनी बेटी को किसी और के घर की ‘शोभा’ बना रहा है।
Kacha badam ft ranu mondal
— 𝓐𝓱𝓪𝓷𝓪 𝓓 (@ahana_d9) April 13, 2022
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रणबीर और आलिया की शादी से पहले रानू मंडल (Ranu Mondal) का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह दुल्हन के कपड़े पहने नजर आ रही हैं और गाना कच्चा बादाम (Kacha Badam) गा रही हैं।