अमेजन प्राइम की वेब सीरीज तांडव (Tandav) को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। भारत के अलग-अलग हिस्सों में विवादित वेब सीरीज से जुड़े मेकर्स, डायरेक्टर और राइटर के खिलाफ केस दर्ज किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब एक नई एफआईआर मुंबई में और एक शिकायत इंदौर न्यायालय में भी दायर की गई है।
बता दें कि महाराष्ट्र के मुंबई में भी फिल्म के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज हो गई है। मुंबई के घाटकोपर पुलिस स्टेशन में IPC की धारा 153 (A) 295 (A) 505 के तहत तांडव वेब सीरीज को लेकर FIR दर्ज हुई है। निर्माता, निर्देशक और कलाकारों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है।
इसके अलावा, तांडव वेब सीरीज के खिलाफ इंदौर न्यायलय में भी एक परिवाद दायर किया गया है। यह परिवाद ‘मित्र मेला सोशल वेलफेयर सोसाइटी’ के अध्यक्ष गोविंद सिंह बैस द्वारा न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष दायर किया गया है। जिसमें तांडव वेब सीरीज के निर्माता, निर्देशक, अमेज़न प्राइम की कंटेंट हेड, सैफ अली खान व अन्य के खिलाफ न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी के समक्ष भारतीय दंड संहिता की धारा 153a, 295, 505(1)(6), 502 (2), 469 एवं आईटी एक्ट की धारा 66f, 67 के तहत परिवाद प्रस्तुत किया गया।
वहीं, न्यायलय ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पलासिया थाना पुलिस को मामले की जाँच का आदेश दिया है। न्यायालय द्वारा पुलिस को 2 दिन के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया गया है।
गौरतलब है कि सैफ अली खान की वेब सीरीज तांडव को लेकर छिड़ा विवाद दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। हिंदुओं और विभिन्न जातियों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली इस सीरीज के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध हो रहा है। अमेज़न प्राइम वीडियो पर आई अली अब्बास जफर निर्देशित ‘तांडव’ में सैफ अली खान और मोहम्मद जीशान अयूब ने मुख्य किरदार निभाए हैं।
इस वेब सीरीज में भगवान शिव का अपमान किए जाने और जातीय वैमनस्य को बढ़ावा देने के कारण इससे पहले उत्तर प्रदेश में भी केस दर्ज किया गया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि जन-भावनाओं के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
FIR में इन सभी के खिलाफ IPC की धारा- 153A (उपद्रव पैदा करने वाले बयान देना या द्वेषभाव से निशाना बनाना), 295 (किसी धर्म के पवित्र स्थल का अपमान), 505(1)(b) (अशांति और अपराध को बढ़ावा देने वाला प्रसारण), 505(2) (विभिन्न वर्गों में शत्रुता/घृणा पैदा करने वाले कथन) और 469 (दस्तावेजी या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किसी का अपमान) के अलावा IT एक्ट की धारा- 66 (आपत्तिजनक कंटेंट्स), 66 F और 67 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
FIR में लिखा गया, “उच्चाधिकारियों के निर्देश पर उक्त वेब सीरीज को देखा गया तो पाया गया कि प्रथम एपिसोड के 17वें मिनट में हिन्दू देवी-देवताओं का विद्रूप ढंग से रूप धारण कर धर्म से जोड़ के अमर्यादित तरीके से उनका अपमान किया गया है और निम्न-स्तरीय भाषा का प्रयोग हुआ है। ये धार्मिक भावनाओं को आघात पहुँचाने वाला और लोगों को भड़काने वाला है। 22वें मिनट में जातिगत विद्वेष वाले डायलॉग हैं। सीरीज में ऐसे कई बयान हैं। भारत के पीएम के गरिमामयी पद का चित्रण अत्यंत अशोभनीय ढंग से पेश किया गया है। जातियों को छोटा-बड़ा दिखाने और महिलाओं के अपमान के दृश्य हैं।”